Heart health । हृदय रोग: लक्षण, कारण, इलाज और परहेज

दिल की बीमारी के लक्षण

हृदय रोग – दिल की बीमारी

आज लाखों लोग इस बीमारी से पीड़ित है और ना जाने कितने ही लोग इसके कारण अपनी जान गवां चुके है।

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के विंसेंट बुफैलिनो के अनुसार 50 साल या उससे अधिक उम्र, अधिक वजन वाले, डायबिटीज, उच्च कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) वाले लोगों में यह समस्या बहुत ही कॉमन है।

हृदय रोग को Medical Term में कार्डियोवास्कुलर रोग (Cardiovascular Diseases) कहते है। जिसमें आमतौर पर रक्त वाहिकाओं (नसों) का सिकुड़ना, नसों में रुकावट (जिसके कारण स्ट्रोक या अटैक का खतरा बढ़ जाता है), दिल की मांसपेशियों, वाल्व, दिल की धड़कन का तेजी से बढ़ना आदि परेशानी महसूस की जाती है।

दिल की कुछ बीमारियों को तो हम उनके लक्षण से पहचान सकते है, लेकिन कुछ बीमारियों का तो कोई संकेत भी नहीं मिलता कि आदमी खुद को संभाल सके।

जैसे की हार्ट अटैक जो आजकल कितनी खामोशी से आते हैं कि आदमी को संभलने का मौका ही नहीं मिलता। Silent heart attack का नाम आप सब ने सुना ही होगा।

कोलेस्ट्रॉल एक वसा जैसा पदार्थ है जो शरीर की हर कोशिका में पाया जाता है।

अगर यह शरीर में ज्यादा मात्रा में बनने लगे तो यह खून में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को भी बढ़ा देता है और फिर यह रक्त नलिकाओ (नसों) में जमने लगता है जिससे धमनिया सिकुड़ने लगती है और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।

आइए आज हम आपको दिल की कुछ प्रमुख बीमारियों उनके लक्षण और उनके उपचार के बारे में बताते है।

हृदय रोग – दिल की कुछ बीमारियां

1. एंजाइना

2. हार्ट अटैक

3. हार्ट फेलियर/ हृदय पात

4. धड़कन की समस्याएं (Arrhythmias)

5. हृदय वाल्व रोग (Heart Valve Diseases)

6. रक्त वाहिका रोग/ कोरोनरी धमनी रोग (Coronary Artery Diseases)

7. जन्म से होने वाले ह्रदय रोग (Congenital Heart Defects) – दिल में छेद

8. बाहरी धमनी की बीमारी (Peripheral Artery Diseases)

9. दिल की मांसपेशियों का बढ़ना या मोटा होना (Cardiomyopathy)

10. रुमेटिक हार्ट डिजीज (Rheumatic Heart Diseases)

11. सैरेब्रोवासकूलर डिजीज (Cerebrovascular Diseases)

12. दिल का संक्रमण (Heart Infection – Endocarditis)

दिल की बीमारी के कुछ सामान्य लक्षण

1. सीने में बेचैनी या जलन

2. छाती में भारीपन, दर्द या दबाव

3. चक्कर आना/ पसीना आना

4. सांस फूलना

5. जी मिचलाना

6. अपच या पेट दर्द

7. थकान और कमजोरी

8. शरीर में सूजन आना

9. शरीर के ऊपरी हिस्से जैसे हाथ,गले या जबड़े में दर्द

10. धड़कन का तेजी से बढ़ना/ अनियमित धड़कन

11. लंबे समय तक खांसी का ठीक न होना

दिल की बीमारी के सामान्य कारण

1. तनाव (Stress)

2. असंतुलित आहार (तला हुआ (Fried) या जंक फूड ज्यादा खाना)

3. मोटापा/ वजन ज्यादा होना

4. धूम्रपान या शराब का सेवन ज्यादा करना

5. व्यायाम न करना

6. कैफ़ीन का अत्याधिक सेवन करना

7. दवाओं का दुरुपयोग (स्टेरॉइड्स का अधिक मात्रा में शरीर में जाना)

8. उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)

9. हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol)

10. शुगर (Diabitic Problem)

11. गंदगी (Unhygienic)

12. बैक्टीरियल संक्रमण (Bacterial Infection)

13. बढ़ती उम्र के दुष्प्रभाव

14. माता-पिता से बच्चों में आना (Hereditary Problem)

15. पुरुषों के महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा खतरा (Gender Factor)

दिल की बीमारी से दूर रहने के समान्य उपचार

1. जीवन शैली में परिवर्तन

संतुलित आहार लेना।

कम वसा वाला खाना खाना।

खाने में नमक और सोडियम की मात्रा कम लेना।

धूम्रपान और शराब का सेवन कम या ना करना।

2. व्यायाम

नियमित व्यायाम करें।

अगर व्यायाम ना कर सके तो योगा करें।

अपने दिल को जवा रखने के लिए रोजाना 20 मिनट की सैर अवश्य करें।

हफ्ते में 150 मिनट एक्सरसाइज अवश्य करें।

3. परीक्षण और चिकित्सा सुविधाएं

समय-समय पर नियमित रूप से अपने शरीर की संपूर्ण जांच करवाएं।

(ताकि समस्या को शुरू होने से पहले ही खत्म किया जा सके)

अगर किसी समस्या का पता लगे तो उसका इलाज अवश्य करवाएं।

अपनी दवाइयां नियमित समय पर ले।

डॉक्टरों द्वारा सुझाए गए सभी परहेज करें।

हाई बी.पी./ हाई शुगर/ हाई कोलेस्ट्रॉल आदि बीमारियों को नियंत्रित करें।

अपने वजन पर कंट्रोल रखें।

4. स्वच्छता

किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचने के लिए अपनी और अपने आसपास की सफाई पर ध्यान दें।

5. सुकून

तनाव से दो कदम की दूरी आपको बीमारियों से सौ कदम दूर ले जाती है।

हृदय रोगों का पता लगाने के लिए कराए जाने वाले परीक्षण

1. रक्त परीक्षण (Blood Test)

2. छाती का एक्स-रे

3. इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम ( ईसीजी)

4. हॉल्टर मॉनिटरिंग

5. इकोकार्डियोग्राम

6. स्ट्रेस टेस्ट

7. कार्डियक कैथेराइजेशन

8. कार्डियक सी.टी. स्कैन

9. कार्डियक एम.आर.आई.

दिल का मुख्य कार्य शरीर में खून के दौरे (Blood supply) को सुचारू रूप से चलाना है मतलब शरीर के सभी हिस्सों तक धमनियों के माध्यम से खून पहुंचाना है।

हमारे शरीर के सभी अंगों में ऑक्सीजन और सभी पौष्टिक तत्व खून के माध्यम से ही पहुंचते है। तो अगर नसों में कोई रूकावट होने से अगर उपयुक्त मात्रा में खून शरीर के सभी अंगों तक नहीं पहुंचता है तो अनेक बीमारियों का सामना करना पड़ता है।

आइए कुछ हृदय रोगों की जटिलताओं को समझें

हार्ट फेलियर – यह वह अवस्था है जब आपका दिल आपके शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक रक्त पंप नहीं कर पाता है।

हार्ट अटैक (दिल का दौरा) – जब रक्त वाहिका में कोई खून का थक्का रक्त के प्रवाह को रोक देता है तब दिल का दौरा पड़ता है।

पहले दिल की बीमारी का खतरा केवल बड़े बुजुर्गों के लिए ही ज्यादा माना जाता था लेकिन आजकल तो नौजवान भी इससे अछूते नहीं है। छोटी उम्र में ही लोगों को बी.पी., शुगर, कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों से लड़ते हम रोजाना देखते है। इसलिए आज हर किसी को सावधानी बरतने की जरूरत है।

आपकी समस्या के अनुसार एक्सपर्ट या डॉक्टर की राय जरूर लें।/ The information is not a substitute for professional medical advice, diagnosis, or treatment.

अपने दोस्तों में लेख शेअर करें मनाचेTalks हिन्दी आपके लिए ऐसी कई महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ लेके आ रहा है। हमसे जुड़ने के लिए हमारा फेसबुक पेज मनाचेTalks हिन्दी को लाइक करिए और हमसे व्हाट्स ऐप पे जुड़े रहने के लिए यहाँ क्लिक करे। टेलीग्राम चैनल जॉइन करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

You may also like...

1 Response

  1. Shalini sachan says:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: © Copyrights 2022. All rights reserved!