जानिये ब्लैक फंगस क्या है और किसे अपना निशाना बना रहा है

जानिये ब्लैक फंगस क्या है म्यूकरमाइकोसिस

हमारा देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया कोरोना वायरस जैसी महामारी से निकल नहीं पाया है लेकिन ब्लैक फंगस नाम की बीमारी ने दस्तक दे दी है।

यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि इसकी वजह से कई मरीजों को अपना जबड़ा खोना पड़ा है और इतना ही नहीं कई मरीजों की आंखों की रोशनी भी जा चुकी है और जान भी जा रही है।

आज हम बात करेंगे ब्लैक फंगस के बारे में और बताएंगे कि यह किसको और कैसे हो सकता है।

ये फंगस किसे और क्यों और कैसे हो सकता है

इस ब्लैक फंगस का वैज्ञानिक नाम म्यूकरमाइकोसिस है।

यह एक बहुत दुर्लभ बीमारी है जो बहुत कम देखने को मिलती है लेकिन यह इस वक्त कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में देखने को मिल रहा है।

इस इन्फेक्शन से महाराष्ट्र से लगभग 100 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 1000 लोग इस रोग से संक्रमित हैं जिनका इलाज चल रहा है।

हरियाणा में भी अब तक इसके 110 केस मिल चुके हैं दिल्ली में भी इस इन्फेक्शन टेस्ट मरीजों की संख्या में बढोत्तरी देखने को मिल रही है।

यह रोग उत्तर प्रदेश में भी लगभग 50 लोगों को हो चुका है। हालांकि कोरोना केसों की तुलना में म्यूकरमाइकोसिस वायरस के मरीज कम तो हैं लेकिन समस्या गंभीर है।

आखिर किन लोगों को अपना शिकार बना रहा है म्यूकरमाइकोसिस

डाक्टर्स का कहना है कि यह जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी भी कारण से कम हो गई है उनको यह इन्फेक्शन आसानी से अपने चंगुल में फंसा रहा है।

कम प्रतिरोधक क्षमता वालों में डायबिटीज के मरीज कैंसर के मरीज या फिर जिन्होंने अपना ऑर्गन ट्रांसप्लांट कराया हो इसके साथ उन लोगों को भी यह इन्फेक्शन परेशान कर रहा है जिन्होंने अपना अंग प्रत्यारोपण कराया है।

अब सवाल उठता है कि कोरोना मरीज और म्यूकरमाइकोसिस इन्फेक्शन का आपस में क्या रिश्ता है?

आखिर यह इन्फेक्शन कोरोना मरीजों पर आक्रमण क्यों कर रहा है ?

कोरोना से ग्रसित मरीजों को शुरु से ही स्टेरॉयड दिया जाता है। यह स्टेरॉयड कोरोना मरीजों की इम्यूनिटी बेहद कम कर देता है। स्टेरॉयड के इस्तेमाल से डायबिटीज के मरीजों का शुगर लेवल खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है।

इसी वजह से आप भले ही कोरोना से ठीक हो जाएं लेकिन अन्य तरह के इन्फेक्शन्स का खतरा बढ़ जाता है ।

जानिए लक्षण क्या हैं म्यूकरमाइकोसिस के

वैज्ञानिकों ने बताया है कि नाक से खून या फिर काले रंग का द्रव का निकलना, आखों के आसपास दर्द या फिर आंखों का लाल होना, नाक के ठीक ऊपर दर्द होना, दांत में दर्द या फिर दांत का ढीला हो जाना, शरीर पे, चकत्ते होना, चेहरे की एक तरफ सूजन होना, सांस लेने में तकलीफ होना, चमड़ी का सूखना आदि सब म्यूकरमाइकोसिस के लक्षण हैं।

इसके आगे भी डाॅक्टर्स का कहना है कि लक्षण इससे भी अलग हो सकते हैं और चेतावनी देते हुए कहते हैं कि अगर इन लक्षणों को हल्के में लिया गया तो जानलेवा हो सकता है।

आखिर क्या करें जब ऐसे लक्षण दिखें तो

म्यूकरमाइकोसिस पर नियंत्रण करने के लिए AIIMS ने गाइडलाइन जारी करते हुए कहा है कि :-

जितनी जल्दी हो सके किसी अच्छे डाक्टर के सम्पर्क में आएं ता इलाज कराएं।

आखों के डाक्टर से सलाह लें अगर आखों में किसी तरह की कोई दिक्कत है तो।

नियमित इलाज कराएं तथा अपनी डायबिटीज को हर हाल में नियन्त्रित करने का प्रयास करें।

कोई भी दवा बिना डाॅक्टर की सलाह के न लें…

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि लेख में दी गई जानकारी चिकित्सा उपचार के विकल्प के रूप में नहीं दी गई है । जानकारी पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार के लिए एक विकल्प नहीं है।

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