बच्चों को सिखाएं पढ़ने-लिखने का सही तरीका

parenting tips in hindi बच्चों को सिखाएं पढ़ने-लिखने का सही तरीका

बच्चों की पढ़ाई-लिखाई को लेकर हर माता-पिता चिंतित रहता है और हर किसी की यही तमन्ना होती है कि, उनके बच्चे अच्छा पढ़ें-लिखें और बड़े होकर कामयाब या सफल बनें।

मगर क्या आप जानते हैं कि बच्चों को भविष्य में सफल या कामयाब देखने के लिए उनके बचपन में भी कुछ करने की जरूरत होती है, या उन पर विशेष ध्यान देना अनिवार्य होता है?

अगर नहीं जानते तो जान लीजिए, क्योंकि बचपन में ही सुंदर भविष्य की नीव रखी जाती है।

यह नींव जितनी मजबूत होती है भविष्य उतना ही उज्जवल होता है।

इस नींव को मजबूती देने का काम करते हैं-शिक्षा और संस्कार। हम यहां शिक्षा की बात कर रहे हैं और आपको बताना चाहते हैं कि जीवन जिस शिक्षा के बल पर लोग बड़े-बड़े पद या ओहदे पाते हैं उसकी शुरुआत जीवन के प्रारंभिक सालों या बचपन में ही होती है।

यदि इसकी शुरुआत सही तरीके से होती है तो बच्चे को जीवन भर कोई समस्या आड़े नहीं आती और वह सतत् कामयाब होता जाता है।

इसके विपरीत यदि इसकी शुरुआत सही तरीके से नहीं होती है तो बच्चा शिक्षा के क्षेत्र में जल्दी ही पिछड़ जाता है और जीवन में आगे नहीं बढ़ पाता अर्थात् मनचाही उन्नति नहीं कर पाता।

इसीलिए बच्चों को शुरू से ही पढ़ने-लिखने के सही तरीके का ज्ञान देना अनिवार्य है।

आइए, इसके सही तरीके से संबंधित कुछ खास बातों को जानें।

१) बच्चों की आयु के अनुसार शिक्षा

यदि बच्चे को उसकी आयु के अनुसार शिक्षा या ज्ञान दिया जाए तो बेहतर रहता है।

इस कारण वह विविध विषयों को आसानी से समझ पाता है और उन पर बिना किसी प्रकार के दबाव या तनाव के पर्याप्त ध्यान दे पाता है।

कुछ माता-पिता या अभिभावक दूसरों की देखा देखी अपने बच्चे की आयु या सामर्थ्य पर ध्यान दिए बिना ही उस पर अतिरिक्त पढ़ाई-लिखाई का बोझ डाल देते हैं जिस कारण कभी-कभी बच्चा डिप्रेशन का शिकार बन जाता है और उसकी कार्य क्षमता क्षीण होती जाती है। अतः ऐसा करने से बचें।

२) खेल-खेल में शिक्षा

बच्चों का मन कोमल तथा भावुक होता है और वे बहुत लंबे समय तक किसी एक ही काम को करते-करते ऊब जाते हैं।

खास तौर से जब उन्हें पढ़ाई के बोझ तले दबा कर जबरदस्ती बैठाने की कोशिश की जाती है तो मानसिक ऊब या थकान महसूस करते हैं और उनका पढ़ाई-लिखाई से मन उठने लगता है।

वे पढ़ाई पर उचित ध्यान नहीं दे पाते। इसीलिए बच्चों को पढ़ाने के लिए ऐसा तरीका अपनाएं कि उनका मन पढ़ाई-लिखाई को अपने ऊपर बोझ न समझने लगे। बच्चों के लिए यह तरीका है उन्हें खेल-खेल में शिक्षित करना या शिक्षा देना।

अतः बच्चों को हमेशा खेल-खेल में शिक्षा देने का प्रयास कीजिए।

३) अक्षरों की लिखावट का ज्ञान

अक्षर या वर्ण शिक्षा या ज्ञान के प्राण होते हैं और इनके बिना ज्ञान सृजन और संवर्धन दोनों ही बाधित हो जाते हैं। इसीलिए बच्चों को भाषा के अक्षरों को सही-सही लिखना व उनका उच्चारण करना अवश्य सिखाएं।

अक्षरों की लिखावट पर विशेष ध्यान दें।

भाषा के वर्णों की बनावट का सही ज्ञान दें तथा उनके लिखने के सही तरीके से परिचित कराएं ताकि बच्चा उस भाषा के माध्यम से आसानी से शिक्षा पाने के काबिल बने।

बच्चों के लेखन को निखारने के लिए नियमित अभ्यास करवाएं।

४) उचित या अनुकूल वातावरण

पढ़ने-लिखने के लिए एक उचित या अनुकूल वातावरण का होना भी अत्यंत जरूरी है,क्योंकि इसके अभाव में बच्चा पढ़ाई पर उचित ध्यान नहीं दे पाता और न ही शांत या दृढ़ता के भाव से खुद को पढ़ाई से जोड़ कर रख पाता है।

अतः बच्चे को घर में पढ़ने-लिखने के लिए ऐसा शांत तथा प्रेरणादायक वातावरण प्रदान करें जिसमें बच्चे को पढ़ाई करते समय किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े और उसका मन पढ़ाई में रचने या रमने लगे।

उसे उचित प्रेरणा और मार्गदर्शन भी मिले।

५) किताब-कापियों या पठन-सामग्री का रख-रखाव

सलीखे से पढ़ना और मन लगाकर पढ़ना तभी संभव हो पाता है जब किताब-कापियां और अन्य सामग्री व्यवस्थित तथा सरलता से प्राप्त या सुलभ हो और इसकी सुलभता अभी हो सकती है जब बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ शिक्षा में काम आने वाली चीजों या सामान-सामग्री के रख-रखाव का सही ज्ञान दिया जाए और उसकी आदत डाली जाए।

अतः यह ज्ञान देना भी अनिवार्य है।

६) तन और मन की तंदरुस्ती

बच्चे की शिक्षा का नाता स्कूल और शिक्षक या किताब-कापियों तथा शिक्षा के अन्य स्रोतों से ही नहीं होता बल्कि शिक्षार्थी के अपने तन व मन से भी गहरा नाता होता है, क्योंकि तन व मन रोगी होंगे तो न तो पढ़ने में मन लगेगा और न ही पढ़ा हुआ याद रह पाएगा।

इसके अलावा बच्चा या बड़ा लंबे समय तक दृढ़ रहकर मेहनत कर पाने में भी असमर्थ होगा। अतः पढ़ाई-लिखाई में बेहतर परिणाम के लिए बच्चों के तन व मन की तंदरुस्ती का ध्यान रखना भी जरूरी है।

अपने दोस्तों में लेख शेअर करें मनाचेTalks हिन्दी आपके लिए ऐसी कई महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ लेके आ रहा है। हमसे जुड़ने के लिए हमारा फेसबुक पेज मनाचेTalks हिन्दी को लाइक करिए और हमसे व्हाट्स ऐप पे जुड़े रहने के लिए यहाँ क्लिक करे

You may also like...

2 Responses

  1. Smita Praveen Devare says:

    Good information thanks
    Pls tell us about the best process and steps.

  2. Smita Praveen Devare says:

    I want to learn proper process of how to grow kids with perfect atiquets.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: © Copyrights 2022. All rights reserved!