उम्मीद छोड़ चुके लोगों के लिए बेहतर जीवन के 7 मंत्र
उम्मीद छोड़ चुके लोगों के लिए बेहतर जीवन के 7 मंत्र | 7 Mantras To The People Who Have Lost Their Hopes and Motivation in Hindi
जिंदगी में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब हम अपनी सारी उम्मीदें छोड़ देते हैं… छोड़ देते हैं कहना भी सही नहीं रहेगा.. हमारी सारी उम्मीदें टूटकर बिखर जाती हैं, कहना ज्यादा न्यायसंगत रहेगा।
हो सकता है किसी भयानक एक्सीडेंट से आपकी मुलाकात हो जाती है या फिर जीवन में आर्थिक, सामाजिक या फिर किसी अन्य रूप में क्षति का सामना करना पड जाता है। इस तरह की परिस्थितियों में आशाओं का टूटकर बिखर जाना अत्यंत स्वाभाविक है।
व्यक्तिगत तौर पर, एक समय ऐसा था जब मैं अपनी आँखों की रोशनी को लेकर अत्यंत चिंतित था। मेरे मन में उस समय अत्यंत बुरे विचार थे। बिना किसी गंभीर नेत्र रोग के बावजूद भी मुझे महसूस हो रहा था कि मैं आने वाले भविष्य में अपने नेत्रों की रोशनी खो दूंगा।
वह समय ऐसा था जब मैं करीब दो दिन के लिए पूरी तरह नाउम्मीदी में जिया था। मैं पूरी तरह से अपने जीने की उम्मीद छोड़ चुका था।
हालांकि दो दिन बाद जब मैं उस गहरे अवसाद से बाहर आया तो मैंने पाया कि ऐसा दूर-दूर तक कुछ नहीं था जिससे मुझे खतरा हो। मैं बेवजह ही डर रहा था। इस घटना के बाद मुझे एहसास हुआ कि ना-उम्मीद होना भी आपको काफी कुछ सीखा सकता है। हालांकि एक निश्चित समयसीमा के बाद इससे बाहर निकलना भी बेहद जरूरी है।
कैसे आप अपनी टूटी हुई उम्मीदों को जोड़ सकते हैं, इस लेख में हमने इसी के बारे में चर्चा की है..
टूटी हुई आशाओं को जोड़ने के मंत्र | MANTRAS TO LINK BROKEN HOPES IN HINDI
1. ये वक्त भी गुजर जाएगा! (This Time Will Pass On):
उस वक्त जब हमारी सारी आशाएं टूट जाती है, तो इस बात को ध्यान कर पाना मुश्किल होता है कि यह परिस्थिति भी निपट जाएगी। इस स्थिती में हमें कहीं ना कहीं यह लगने लगता है कि, भविष्य में भी हमारी यही स्थिति रहने वाली है… जो कि किसी भी तरह सच नहीं है।
वक्त चलता रहता है, बुरा हो या अच्छा… यह बस बहता रहता है। इसलिए अगर आपके जीवन में अभी गहरा दुख है तो इसका यह मतलब कतई भी नहीं है कि यह हमेशा रहने वाला है।
इसलिए जब भी गहरे दुख या अवसाद में हो तो यह हमेशा ध्यान रखें कि यह वक्त है और गुजर जाएगा।
2. बुरे हालातों का डटकर सामना करें और उनसे सीखें..
इससे फरक नहीं पड़ता कि आपने क्या किया है, महत्वपूर्ण यह है कि आप आगे क्या करने वाले हैं।
बीते वक्त का कंट्रोल हमारे हाथों में नहीं है… हम बस अपने आने वाले समय को बेहतर बना सकते हैं।
आपने कल जो किया था, उससे आपने जो सीखा, उसे आपके जो आने वाले काम है उनमें आप उपयोग करके अपने जीवन को कितना बेहतर बना सकते हैं, यह सबसे जरूरी है।
इसलिए बुरे हालातों से लड़िए और फिर उनका सामना करके जानिए कि आपको क्या करना चाहिए था और आपने क्या किया है! देखिए कि आपने कौन-सी गलतियाँ की जिन्हें आप चाहें तो skip कर सकते थे।
बीते वक्त पर पछताने से कई बेहतर है कि आप अपने आने वाले कल में एक छोटा-सा सकारात्मक बदलाव कर दें।यह दृष्टिकोण आपको जीवन में बेहद आगे ले जा सकता है।
3. बुरे हालातों और उनसे निकले दर्द का इस्तेमाल खुद को प्रेरित करने में कीजिए क्योंकि जिंदगी आपके नजरिए से ही चलती है-
एक चीज पर देखने के दो नजरिए हो सकते हैं जिनसे आप अच्छी तरह से वाकिफ हैं- पहला, पाज़िटिव और दूसरा नेगटिव…
ज़िंदगी में बुरा वक्त आता है। एक इंसान का नजरिया हो सकता है कि ज़िंदगी में सुख-दुख तो चलते ही रहते हैं इसलिए अगर हम सुख में सुखी हो सकते है तो दुख में दुखी क्यों नहीं।
जबकि दूसरा व्यक्ति सोच सकता है कि मेरी ज़िंदगी में दुख-ही-दुख क्यों आते हैं… क्या सारे दुख मेरी ही ज़िंदगी में लिखे हैं…
दूसरे व्यक्ति के दृष्टिकोण से उसके दुख कम नहीं होने वाले, बल्कि उल्टा उसे अपने दुख और भी विकराल लगने लगेंगे… जबकि पहले वाले व्यक्ति का नजरिया उसे ताकत देता है जिससे वह अपने दुखों से बेहतर तरीके से सामना कर पाता है।
इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप अपना नजरिया सकारात्मक रखें चाहें परिस्थिति कैसी भी हो।
4. अगर आप अपनी किसी बुरी आदत को छोड़ना चाहते हैं तो पहले आपको किसी अच्छी आदत को विकसित करना पड़ेगा
कॉलेज के दिनों में मैं बहुत ज्यादा बेकार के कामों के लिए फोन इस्तेमाल किया करता था। उस समय मैंने अपनी इस बुरी आदात को छोड़ने की बहुत कोशिश की मगर मैं हर समय इसमें असफल रहा।
उस समय मुझे पता नहीं था कि मैं इसमें हर बार असफल क्यूँ हो रहा हूँ लेकिन आज जब मैं अपने असफल होने के कारणों की जांच करता हूँ तो पाता हूँ कि इसका सबसे बड़ा कारण था कि मैं सिर्फ अपनी बुरी आदत को छोड़ना चाहता था किसी सही आदत को विकसित करने का मेरा कोई उद्देश्य नहीं था और यही वजह थी कि मैं अपनी इस आदत को उस समय नहीं त्याग पाया।
जब मैंने नौकरी जॉइन की, तो पाया कि मेरी यह आदत अपने आप ही क्षीण पडने लगी। बिना मेरे द्वारा किये गए किसी प्रयास के।
ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मैंने अपनी बुरी आदत (मोबाइल का अत्यधिक उपयोग) को छोड़ने पे ध्यान लगाने के बजाय अपना सारा फोकस नई आदत (यानि नौकरी करने) पर लगाया, जिस वजह से मुझे यह बदलाव देखने को मिला।
बेकार की आदतों को छोड़ने का सबसे आसान तरीका है नई आदतों को समय देना। हमारे पास दिन में 24 घंटे ही होते हैं जिनमें से करीब 15 घंटे हमारे वर्किंग होते हैं और खराब आदतें इन 15 घंटों में ही लगती हैं। तो अगर हम अपनी खराब आदतों का समय अपनी नई आदतों को विकसित करने में दें तो बहुत जल्दी हम इनसे छुटकारा पा सकते हैं।
उदाहरण के लिए, अगर आपको खाने के तुरंत बाद सिगरेट पीने की आदत है, जो कि एक बुरी आदत है, तो आप खाने के तुरंत बाद एक्सर्साइज़ कर सकते हैं.. इससे आप सिगरेट पीने के समय का सही उपयोग कर पाएंगे और आपकी आदत भी छूट जाएगी।
5. कोशिशें कभी भी बेकार नहीं जाती, चाहे ये आपको निराश ही क्यों ना करती हों!
कई बार होता है कि हम efforts डालते हैं लेकिन हमारी लाख कोशिशों के बावजूद भी कुछ नहीं हो पाता है।
यह ऐसी स्थिति होती है कि हमें लगता है कि हमारी सारी कोशिशें बेकार हो चुकी हैं हालांकि असलियत में ऐसा नहीं होता है। वास्तव में हमारी हर कोशिश जीवन में हमें help करती है। हो सकता है अभी हमें उसका फायदा नहीं दिख रहा हो लेकिन आगे जाकर वह हमारे काम जरूर आती है।
उदाहरण के लिए, मैंने एक 20 दिन एक Sales Company में जॉब की थी। कंपनी की policies के हिसाब से मुझे 20 दिन की कोई salary नहीं दी गई। जॉब छोड़ने पर मुझे थोड़ा-सा बुरा तो लगा क्योंकि कोई पैसा नहीं आया था। हालांकि इससे मेरे व्यक्तित्व में काफी लाभ हुआ।
जॉब छोड़ने के बाद मैंने पाया कि लोगों को convince करने और professional तरीके में उंसमें communicate करने के मेरे तरीके में काफी सुधार आ गया था। इस घटना ने मुझे यह एहसास दिलाया कि आपे efforts कभी waste नहीं जाते।
6. अपने स्टैन्डर्ड को मत घटाइए मगर हमेशा याद रखें कि दूसरों से उम्मीदें रखना घातक हो सकता है
अपने किये को हम दूसरों के मत्थे कभी नहीं मढ़ सकते हैं। यह पूरी तरह से बचकाना है।
मिसाल के तौर पर, अगर आप गुस्सा करते हैं तो आप यह नहीं कह सकते कि दूसरे व्यक्ति ने मुझे मजबूर किया है जिसके चलते मुझे गुस्सा आया है।
हमेशा याद रखें, अपने actions के साथ ही साथ दूसरे व्यक्तियों के प्रति आपके reactions के लिए भी आप स्वयं ही जिम्मेदार हैं।
जब भी किसी व्यक्ति से डील करें तो यह ना सोचें कि वह इस तरह का व्यक्ति है तो उससे डील करना मुश्किल हो सकता है। आप उसके actions के प्रति किस तरह का reaction देते हैं सबकुछ इसपे निर्भर करता है।
साथ ही साथ हमेशा ध्यान रखें कि आपकी दूसरों से बहुत ज्यादा उम्मीदें ना हों। हर व्यक्ति को स्वतंत्रता है और आपकी उम्मीदें उसकी स्वतंत्रता को बांधने का काम करती है जो कि सही नहीं है।
7. बढ़ती उम्र और तजुर्बे के साथ आप वक्त, रिश्तों, काम और शांति की अहमियत समझेंगे और बाकी की चीजें आपके लिए कम मैटर करेंगी
आपके पास बहुत सारा पैसा और संपत्ति है मगर उसे इन्जॉय करने का समय नहीं है तो वह किसी काम का नहीं है।
आपके पास बहुत सारा पैसा और संपत्ति है मगर उसे इन्जॉय करने के लिए प्यारे लोग नहीं है तो वह किसी काम का नहीं है।
आपके पास बहुत सारा पैसा और संपत्ति है मगर आप उसे शांति से उपयोग नहीं कर पा रहे हैं तो वह बेकार है।
बढ़ती उम्र और अनुभव के साथ हमें एक चीज सीखने के लिए मिलती है कि सिर्फ material ही सबकुछ नहीं है उसे इन्जॉय करने के लिए Time, People और Peace का भी बहुत बड़ा योगदान है। और अगर हमारे पास ये चीजें नहीं है तो सब बेकार है।
अपने प्यारे रिश्तों, कीमती वक्त और बेहद जरूरी मन की शांति की कदर करें। इनको विकसित करने की तरफ ध्यान लगाइए। क्योंकि यही असली asset है जो आपकी जीवन को सही मायनों में बेहतर बनाने वाले हैं।
आपके पास बहुत सारा पैसा और संपत्ति है मगर उसे इन्जॉय करने का समय नहीं है तो वह किसी काम का नहीं है।
“जो इंसान अपने सबसे बुरे वक्त में भी अपनी पाज़िटिव उम्मीद को जगाए रख सकता है उस इंसान को जीवन में कोई भी नहीं हरा सकता है।”
इसीलिए दोस्तों, अपने सबसे बुरे वक्त में भी उम्मीदें ना खोए! उम्मीद है आपको इन 7 तरीकों से जीवन के दृष्टिकोण को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
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