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सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ाने के जबरदस्त टिप्स (Self Confidence boosting tips in hindi)
कहा जाता है की सफलता की सीढ़ी, आत्मविश्वास की जमीन पर ही खड़ी हो सकती है।
हमारे जीवन मे सेल्फ कॉन्फिडेंस का बहुत ही अधिक महत्व है, बिना इसके कोई भी इंसान अपने जीवन में सफलता नही पा सकता। आत्मविश्वास की कमी हमेशा सफलता की राह में दिवार बनकर खड़ी हो जाती है।
अगर हमारे पास अच्छा ज्ञान भी है तो वो आत्मविश्वास के आभाव मे शून्य हो जाता है, क्योंकि हम आत्मविश्वास की इस कमी के कारण अपने ज्ञान का सही स्थान और समय पर उपयोग नही कर पाते।
हम चाहे एक स्टूडेंट हों, या पेशेवर इंसान हमें अपनी रोज़ की ज़िंदगी में कदम कदम पे कॉन्फिडेंस की जरूरत पड़ती है।
आज का हमारा लेख यह बताने के लिए है की खुद मे आत्मविश्वास को कैसे बढ़ाये, तो इस से पहले ये जानना ज़रूरी है की आत्मविश्वसी होना क्यों ज़रूरी हैं अथवा इसके क्या फायदे हैं
- आत्मविश्वास के बिना अपने ज्ञान का सही और पूर्ण उपयोग संभव नहीं
- आत्मविश्वास कोई भी सही फैसला लेने में सहायता करता है
- आत्मविश्वास समाज मे सम्मान दिलवाता है
- आत्मविश्वास सफ़लता की कुंजी है, बिना इसके जीवन में सफलता प्राप्त करना संभव नही।
आत्मविश्वास बढ़ाने के कुछ उपाय
A) नकारात्मक विचारों से दूर रहे
माना जाता है की इंसान अपने विचारों का बना होता है, इसका मतलब ये है की हम जैसा सोचते हैं वैसा ही बन जाते हैं। इस कारण हर इंसान को नकारात्मक विचारों से, जितना संभव हो दूर रहना चाहीये।
हमारी ज़िंदगी में कई ऐसी घटनाएं या चीजें होतीं हैं जिसके कारण हमारा खुद पर से विश्वास उठ जाता है। हम अपनी क्षमताओं पर सवाल करने लगते हैं।
मुझसे ये काम नही होगा या मै ये काम नही कर सकती ऐसे विचार हमे घेरने लगते हैं। हमे इस प्रकार की चीजों से खुद को बचाने का प्रयास करना चाहीये। हमारे लिए ये ज़रूरी है की हम खुद को इनसे दूर रखे और खुद से कहे की, हाँ ये मै कर सकती हूँ।
B) ऐसे लोगों के साथ रहे जो आपके आत्मविश्वास को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकते हैं
आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए जितना ज़रूरी नकारात्मक विचारों से दूर रहना है, उतना ही ज्यादा नकारात्मक विचारों वाले लोगो से दूर रहना भी है।
हम अपनी डे टू डे लाइफ में कई लोगों के संपर्क में आते हैं कुछ हमारे दोस्त होते हैं तो कुछ कलीग्। सकारात्मक विचारों वाले लोग जहां हमारे अंदर नई उर्जा भर देते हैं हमे अच्छा महसूस करवाते हैं, हमारे आत्मविश्वास को बढ़ा देते हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो हमारे अंदर निगेटिव्हिटी का संचार कर देते हैं।
हमे ऐसे लोगों से जितना संभव उतनी दूरी बनाई रखनी चाहीये नहीं तो हम भी पूरी तरह इनके जैसे बन जाते हैं। इसके लिए ज़रूरी है की हम ऐसे लोगो को सही सही पहचाने
C) अपनी तुलना किसी और से ना करे
प्रकृति ने हमें अलग बनाया है। सबमे कुछ गुण और कुछ अवगुण ज़रुर होते हैं, कोई भी इंसान पूरी तरह पर्फेक्ट नहीं होता। पर फिर भी हम मनुष्यों में ये आदत होती है की हम अपने आपको दूसरों से तुलना करने लगते हैं।
बात बात पर खुद को दूसरों से तुलना करना हमारे अंदर नकारात्मक वीचारों को बढ़ावा देता है और हम दूसरोंको को अपने से बेहतर समझने लगते हैं।
यहाँ यह जानना ज़रूरी हो जाता है की हर इंसान हर प्रकार के काम में सक्षम नहीं हो सकता। बंदर और मछली की तुलना जैसे बेकार है, वैसे ही दो इंसानो की भी। तुलना करने के बजाय ये ज़रूरी है की हम अपनी कमियों को जाने और उन्हे दूर करने का प्रयास करे।
D) प्रशंसा स्वीकार करे
हम दूसरों द्वारा की गयी प्रशंसा को कई बार इसलये स्वीकार नही कर पाते क्योंकि हममें आत्मविश्वास की कमी होती है, हमे कई बार दूसरों के द्वारा की गयी प्रशंसा असत्य लगने लगती है।
हमे इस बात का ज़रुर से ध्यान रखना चाहीये की हम दूसरों द्वारा की गयी प्रशंसा को स्वीकार करे, उसे अपनी अच्छी आदतों मे शुमार करे।
E) अपने हुनर को तराशे
हम सभी के भितर कोई ना कोई हुनर ज़रूर होता है। कोई अच्छा डांस कर सकता है तो कोई अच्छा गा सकता है, वहीं कोई अच्छा लिख सकता है।
हमारे लिए ये ज़रूरी है की हम अपने हुनर को पहचाने और उस पर लगातार काम करे। हमारे पास कोई भी हुनर हो हमे उसपर गर्व करना चाहीये। अपने हुनर के माध्यम से हम कई लोगो के साथ जुड़ते हैं, प्रशंसा पाते हैं। ये हमारे आत्मविश्वास को कई गुणा बढ़ा देता है।
F) आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अपना ध्यान रखे
माना जाता है की फर्स्ट इंप्रेशन इज दी लास्ट इंप्रेशन। इस कारण हमे अपना ध्यान ज़रुर रखना चाहीये। यहाँ ये नहीं कहा जा रहा की हमे अपना पुरा समय सजने और सवरने में ही बर्बाद कर दे।
यहाँ ये कहा जा रहा की आप एक वेल मैन्टैन इंसान की तरह नज़र आने के लिए अपने बालों को अच्छी तरह से सवार कर रखे, साफ सुथरे कपड़े पहने इस से दूसरे लोगों पर आपका गहरा प्रभाव पड़ता है और आप खुद भी आत्मविश्वास से भर जाते हैं।
G) अपनी गलतियों से सीखे (Learn from your mistakes)
एक कहावत है की इंसान गलतियों का पुतला होता है, अर्थात गलती करना उसके स्वभाव में है। हम भी अपने जीवन में लगातार गलतियां करते रहते हैं, ये गलतियां कई बार हमारे आत्मविश्वास को हिला कर रख देती हैं।
ऐसे मे हमारे लिए ज़रूरी है की हम अपनी गलतियों से सीखे ना की केवल रेग्रेट करे। हमे ये प्रयास करना चाहीये की हम अपनी गलतियों से सीखते हुए इसे दोहराएँ ना, इस से हमारा आत्मविश्वास घटने की बजाए और बढ़ेगा।
H) लगातार ज्ञान का विस्तार करें
ज्ञान आत्मविश्वास रूपी पेड़ के लिए बिज का काम करता है, इसके अभाव में आत्मविश्वास रूपी पेड़ का कोई अस्तितव नही होता। इसिलिए ये ज़रूरी है की हम लगातार अपने ज्ञान का विस्तार करते रहे।
बिना ज्ञान के कोई व्यक्ति कभी आत्मविश्वास को नहीं प्राप्त कर सकता। हमे ज्ञान को बढ़ाने के लिए किताबे, पत्रिका आदि पढ़नी चाहीये इसके साथ ही मोटीवेशनल वीडियो और सेमिनार आदि देखने चाहीये।
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