एक जिज्ञासु इंसान कैसे बने (How to be a curious in hindi)

जिज्ञासु कैसे बनें अपनी जिज्ञासा को कैसे बढ़ाएँ बच्चे को जिज्ञासु बनाने के लिए जरुर आजमाए इन उपायों को

कहा जाता है की एक इंसान खुद के लिए सबसे बड़ा गुरु होता है, वो खुद को जो शिक्षा दे सकता है वो उसे कोई और कभी नही दे सकता।

कालिदास भी मुर्ख से महान खुद के प्रयास से ही बने। परंतु यहाँ एक बात निश्चित है की हर इंसान खुद का गुरु नहीं बन सकता। इसके लिए एक विशेष गुण का होना बहुत ज़रूरी है, और ये गुण जिज्ञासु होना है।

जिज्ञासु होना एक इंसान के लिए उतना ही ज़रूरी है जितना की एक दिये के लिए तेल का होना है, जैसे की एक दिया बिना तेल के नहीं जल सकता उसी तरह बिना जिज्ञासु हुए एक इंसान ज्ञानी नही बन सकता।

जिज्ञासु कैसे बनें अपनी जिज्ञासा को कैसे बढ़ाएँ बच्चे को जिज्ञासु बनाने के लिए जरुर आजमाए इन उपायों को

अब यहाँ एक बात समझनी बहुत ज़रूरी है की जिज्ञासा भी दो प्रकार की होती है दिमाग की पॉवर बढाने के Tips

A) सकरात्मक जिज्ञासा

B) नकारात्मक जिज्ञासा

सकरात्मक जिज्ञासा एक ओर जहाँ उन्नति की ओर ले जाती है वहीं नकारात्मक जिज्ञासा अवनति की ओर। सकारात्मक रूप से जिज्ञासु लोग नई नई चीज़े, सीखने में अपना वक़्त लगाते हैं वहीं नकरातमक रूप से जिज्ञासु लोग अपना समय दूसरों के बारे मे बाते करने और उनकी बुराई करने में लगाते हैं।।

हमारा ये अर्टिकल ये बताने के लिए है की जिज्ञासु इंसान कैसे बने तो इसके लिए सबसे जरूरी ये जानना है की हमे जिज्ञासु इंसान क्यों बनना चाहीये इसके क्या फायदे हैं। तो आयें जानते हैं

A प्रश्न करे क्योंकि प्रश्न, उत्तर को जन्म देते हैं

B जिज्ञासु इंसान साधारण की तुलना मे अधिक सिख सकता है

C जिज्ञासा इंसान को ज्ञानी बनाती है और ज्ञान समाज मे सम्मान दिलाता है

D जिस प्रकार एक ताले को उसकी चाभी ही खोल सकती है ठीक उसी प्रकार सही सवाल Doubts के ताले को खोलकर हमे जागरूक और जानकार बनाता है

जिज्ञासा बिन ज्ञान कहाँ

जिज्ञासु बनने के कुछ तरीके- आज हम इस अर्टिकल की मदद से जानेंगे की क्या हैं वो तरीके जिनसे हम एक जिज्ञासु इंसान बन सकते हैं

1) दूसरों को ध्यान से सुने (listen carefully to others)

एक साधारण इंसान हमेशा खुद को अधिक ज्ञानी सिद्ध करने के लिए ज्यादा से ज्यादा बोलने का प्रयास करता है, वहीं एक जिज्ञासु व्यक्ति हमेशा दूसरों की बातों को बड़े ध्यान सुनता और समझने का प्रयास करता है।

दूसरों को सुनने से हमे हमेशा नई चीजे जानने को मिलती हैं, जो हमें जाननी चाहिए, अगर आपको दूसरों को सुनने में इंट्रेस्ट ना भी आता हो तो इंटेस्ट जगाने की कोशिश कीजिए। कहा भी जाता है की बोलना आपको ज्ञानी बता सकता है पर सुनना आपको ज्ञानी बना सकता है।

(2) चीजों को ध्यान से पढ़े (Read carefully)

ये हमेशा से माना जाता है की किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। इनसे दोस्ती ना केवल हमे ज्ञान प्रदान करती है अपितु हमे एक बेहतर इंसान बनने में भी मदद करती हैं।

किताबें एक ओर जहाँ हमें नई चीजें सिखाती है वहीं हमारे अंदर जिज्ञासा को भी जन्म देती है। इसिलिए अगर आप एक जिज्ञासू इंसान बनना चाहते हैं तो इन किताबों से दोस्ती कर लिजये हम अपनी जिंदगी में कई सफल लोगों को जानते हैं, अगर उनसे उनकी सबसे पहली हॉबी पूछी जाए तो वो निश्चित रूप से किताब पढ़ना कहेंगे दुनिया से सबसे अमीर आदमियों में से एक बिल गेट्स इन्हीं लोगों में से एक है।

किताबों को पढ़ते वक्त हमे कुछ बातो का विशेष रूप से ध्यान रखना पड़ता है। सबसे पहली की किताब को पढ़ते वक्त अपना पुरा फोकस उस पर ही रखे। दूसरी पढ़ते वक्त चीजों को इमेजिन करें।

3) मन ही मन बातों का विश्लेषण करे (analyse things)

सुनने और पढ़ने के बाद सबसे जरूरी है चीजों को मन ही मन analyse करना, बिना इसके पढ़ना और सुनना useful नहीं रह जाता। कहा जाता है पड़े पड़े मजबूत लोहे में भी जंग लग जाती है फिर तो हम इंसान है।

सुनते और पढ़ते समय हम लगातार चीजों के संपर्क में आते रहते हैं. ये प्रोसेस बहुत तेज़ी से होता है इस कारण हमे इसपर उस वक्त सोचने का वक्त नहीं मिल पाता। इसीलिए ये जरूरी हो जाता है की हम अकेले बैठकर इन चीजों को analyse करे, इस से एक तरफ जहा हमारे दिमाग में ये चीजें अच्छे से बैठ पाती है वहीं दूसरी ओर नई चीजें निकल कर सामने आती है।

इस समय हमे बेकार की चीजों को दिमाग से निकाल कर मुख्य बात के बारे में सोचना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति के लिए ये जरूरी है की वो पूरे दिन में कुछ वक्त एकांत बताए।

4) खुद से सवाल करें (question yourself)

पहले ही हम ये बात कर चुके हैं की प्रश्न करना कितना जरूरी हैं, ये प्रश्न दूसरों के साथ साथ खुद से भी करना उतना ही जरूरी है। कई ऐसे लोगों के बारे में हमने पढ़ा और सुना है जिन्होंने खुद से सवाल किया, खुद की क्षमता पर सवाल किया और वो मुर्ख से महान बन गए महान कवि कालिदास भी इसके उदाहरण हैं।

अपने मन में चीजों को analyse करने के बाद खुद से ये सवाल करना चाहीये की चीजें कैसी है? ऐसे क्यू हैं उन्हें कैसा होना चाहीये? कई सवाल के जवाब हमारा दिमाग ढूंढ लेता है और कई सारे सवाल doubt बनकर उत्तर को तलाश में जुट जाते हैं।

5) Dounts और confusions को दूर करने का प्रयास करे (try to remove doubts and confusions)

आमतौर पर हम ये सोचते हैं की सवाल पूछना हमे दूसरों के सामने बुद्धू दिखाता है, पर यहाँ हम गलत हैं। सवाल पूछने वाला इंसान कुछ पल के लिए बेवकूफ दिखा सकता पर सवाल ना पूछना हमे जिंदगी भर के लिए बेवकूफ बना देता है।

इसलिए हमे अपने doubts को समय समय पर लगातार क्लीयर करते रहना चाहीये । हम अपने सवालों को अपने टीचर्स या जानकार व्यक्ति के साथ डिस्कस करना चाहिए साथ ही किसी प्रोग्राम के doubt क्लीयरिंग Sessions में अपने सवाल सामने रखने चाहिए।

इन सब के अलावे कई और ऐसे तरीके हैं जिनसे हम अपने आपको एक जिज्ञासु इंसान बना सकते इनमे मोटीवेशनल स्टोरी पढना, ऐसे videos देखना शामिल हैं।

जिज्ञासु बनिए, जागरूक बनिये, जानकार बनिये

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