मन की शांति प्राप्त करने के लिए कुछ सरल मगर प्रभावशाली उपाय

मन की शांति प्राप्त करने के लिए कुछ सरल मगर प्रभावशाली उपाय

आज की इस आधुनिक जीवन-शैली में हम भले ही भौतिक सुविधाओं का मनचाहा सुख भोग रहे हों और ज्ञान-विज्ञान के बल पर जीवन में बहुत अधिक तरक्की कर रहे हों।

फिर भी अधिकांश लोग मन की शांति अर्थात् मानसिक संतोष से वंचित हैं और इसी वजह से तनाव या मानसिक कुंठाओं से भरा जीवन जीने को विवश हैं।

अमीर हो या गरीब मन की शांति की दौलत के मामले में लगभग सभी फकीर ही नजर आते हैं।

देखा तो यहां तक जाता है कि कई व्यक्ति शरीर से ताकतवर होने के बावजूद भी मन से कमजोर और बहुत ही अशांत रहते हैं।

बाहर से देखकर लगता है कि इनसे खुश कोई और नहीं है मगर उनके अंदर झांकने पर पता चलता है कि उनमें मन की गंभीर कमजोरी है और वे काफ़ी अशांत और दुखी रहते हैं।

ऐसा कोई ढूंढने पर ही मिलता है जो यह कह सके कि वह बाहर और अंदर दोनों तरफ से पूरी तरह मजबूत व स्वस्थ है और पूर संतोष से जीवन जी रहा है।

स्पष्ट शब्दों में कहें तो आजकल अधिकांश लोग सबकुछ होते हुए भी कुछ नहीं वाली स्थिति में जी रहे हैं अर्थात् मन की शांति के लिए तरस रहे हैं।

सुखी और खुशहाल या पूरी उमंग व उत्साह से भरा जीवन तभी जिया जा सकता है जब मन में शांति या व्यक्ति मानसिक तौर पर संतुष्ट हो। यहां मन की शांति पाने के कुछ सरल मगर प्रभावशाली उपाय बताए जा रहे हैं।

अगर आप इनका पालन करेंगे तो निश्चय ही मन की शांति का अच्छा एहसास होगा।

1.  मन की शुद्धता या स्वच्छता

हमें तन की भांति मन की शुद्धता या स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि जिस प्रकार तन की अस्वच्छता उसको कई प्रकार के रोगों से ग्रस्त कर देती है, ठीक उसी तरह मन की अस्वच्छता उसे बीमार या रुग्ण बना देती है।

रोगी मन बुरे विचारों में लिप्त हो जाता है और फिर मन की शांति नदारद हो जाती है।

मन को शुद्ध या स्वच्छ बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका है, उस पर गंदे या बुरे विचारों की मैल न जमने देना।

मन को बुरे विचारों से छुटकारा दिलाकर उसे अच्छे विचारों या अच्छी सोच का आदी बनाना।

हमें अपने मन का लगातार निरीक्षण या विश्लेषण करते रहना चाहिए और जो भी बुराई या कुविचार उसका घेराव करता दिखे उसका अविलंब उन्मूलन कर देना चाहिए।

2. मन के लिए संतुलित आहार या खुराक

अधिकांश लोग शरीर को पुष्ट व शक्तिशाली बनाने के लिए तो संतुलित आहार या खुराक लेते हैं मगर मन को स्वस्थ व पुष्ट बनाए रखने वाली खुराक का बिलकुल भी ध्यान रखते हैं।

मन के लिए संतुलित आहार या खुराक में शामिल होते हैं- उत्साहवर्धन करने वाले विचार, उमंग, प्रसन्नता, सबका हित करने वाली सोच, धैर्य, सहनशीलता, प्रेम भाव आदि।

अगर हम अपने मन को इस तरह की खुराक या आहार देने का प्रयास करते रहते हैं तो निश्चय ही हमारा मन भी तन की तरह ह्रष्ट-पुष्ट व स्वस्थ बना रहता है तथा उसमें शांति का वास रहता है और वही मानसिक शांति हमें जीवन में उन्नति या विकास करने के लिए प्रेरित करती है।

3. खुद को अपने मन का चिकित्सक बनाइए

अगर जीवन में शांति या संतोष को पाना है तो खुद को अपने मन का चिकित्सक बनाकर रखिए।

जब भी यह बीमार या किसी अन्य विकृति से ग्रस्त महसूस हो तुरंत इसका उपचार करने के लिए तैयार हो जाइए।

ध्यान रखिए कि इसके उपचार में देरी करना गंभीर हानि का कारण बन सकता है।

मन की चिकित्सा के नाम पर आपको अपने मन को बड़ी-बड़ी औषधियां या दवाइयां देने की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि उसे कल्याणकारी और संतोषजनक विचारों या सोच का टाॅनिक पिलाना पड़ेगा जिसे आप बड़ी आसानी से पिला सकते हैं।

इसका सीधा और साफ मतलब यह है कि आप एक चिकित्सक बनकर अपने मन के स्वास्थ्य को जांचते रहिए और स्वस्थ एवं शांतिमय बनाए रखने के लिए उदार या अच्छे विचारों का टाॅनिक हमेशा पिलाते रहिए।

इस बात पर हमेशा ध्यान दीजिए कि अपने मन की स्थिति को जितनी गहराई से आप खुद समझ सकते हैं, उतनी गहराई से कोई अन्य कभी नहीं समझ सकता।

अतः इसकी शांति के लिए सबसे बेहतर तरीके आप ही खोज सकते हैं।

4. मन की शांति के लिए ईश्वर का सहारा

मन की शांति या संतोष की पूंजी को अर्जित करने के लिए आप ईश्वर का सहारा भी ले सकते हैं।

किंतु ईश्वर इस मामले में आपकी मदद तभी कर सकता है जब आपकी उसमें गहरी आस्था या विश्वास हो और आप उसके अस्तित्व में भरोसा करते हों।

आप यह मानते हों कि जिन चिंताओं या समस्याओं का समाधान करने में आप असमर्थ हैं उनका समाधान करने में ईश्वर आपकी मदद अवश्य कर सकते हैं।

जब भी आपके सामने कोई ऐसी समस्या या चिंता आए जो आपसे काबू में न आती हो और आपके मन की शांति को खाए जा रही हो तो आप उसका समाधान ईश्वर पर छोड़ दें।

सच्चे मन से ईश्वर का स्मरण करें और उनसे अपनी चिंता के निवारण की प्रार्थना करें।

ऐसा करने से आपका मन शांति पाएगा और तन-मन दोनों की ताकत मिलकर आपकी उस चिंता का अवश्य समाधान कर देगी। सोते-जागते ईश्वर का मन से ध्यान करने से मन को अद्भुत शक्ति मिलती है तथा मन हमेशा शांत बना रहता है।

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1 Response

  1. Pundlik urkude says:

    Great

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