बच्चों की बीमारियों में काम आने वाले कुछ सरल से घरेलू उपाय
बच्चों की बीमारियों में काम आने वाले कुछ सरल से घरेलू उपाय, जानिए इस लेख में।
बच्चे घर की शान और जान दोनों ही होते हैं और माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्यों को सबसे ज्यादा ख्याल बच्चों का ही रखना पड़ता है।
बच्चे जब हंसते-मुस्कराते और खेलते दिखाई देते हैं तो पूरा घर खिल उठता है।
और सब घरवालों का मन प्रसन्नता से झूम उठता है।
मगर बच्चे बीमार या अस्वस्थ दिखाई दें तो सारा परिवार चिंता में पड़ जाता है और उनका इलाज कराने कर जुट जाता है।
छोटे बच्चों में कुछ बीमारियां काफी सामान्य होती हैं
और चाहें तो उनका घरेलू उपचार भी किया जा सकता है।
पुराने जमाने में छोटे बच्चों की माताएं इसी प्रकार के सामान्य से घरेलू नुस्खों से इन साधारण-सी बीमारियों का उपचार घर में ही कर लेती थीं।
ये ऐसे साधारण उपचार जिन्हें डाक्टर से दिखाने के पूर्व अगर आजमा लिया जाए तो कोई बुराई प्रतीत नहीं होती है।
१) बच्चे के कान में दर्द हो तो उसके कान में दो-तीन बूंद खोपरे का तेल डाल दें।
इसी तरह नाक से खून गिरे तो उसे प्याज (काटकर) सुंघावें या फिर फिटकरी का पानी सुंघावें।
२) बच्चे के पेट में कीड़े हों तो उनके निदान हेतु उसे थोड़ा-सा प्याज का रस पिला दें।
इसके अलावा बच्चे का पेट कभी-कभी फूल जाता है।
इसके लिए थोड़ी-सी हींग लेकर उसे थोड़ा गरम करके पत्थर पर पानी में घिसकर नाभि पर लगा देने से तुरंत आराम मिलता है।
३) बच्चों के होंठ फट जाएं तो थोड़ा-सा शुद्ध घी लेकर उसमें मामूली-सा यानी बहुत ही कम मात्रा में नमक मिला कर होंठ पर लगाएं अथवा इसी को उसकी नाभि पर भी लगाएं। इससे होंठ मुलायम हो जाते हैं।
४) बच्चे को नींद न आ रही हो और वह रोए जा रहा हो तो जायफल को पानी में घिसकर बच्चे के ललाट पर लगाने से बच्चा शांति से सो जाएगा।
५) बच्चों को किसी भी प्रकार का किसी भी प्रकार का ज्वर आने पर थोड़े से दूध में तीन-चार कलियां लहसुन की उबाल कर उस दूध से हाथ-पांव में हल्की-सी मालिश करने से ज्वर उतर जाता है।
६) बच्चे की हिचकी को रोकने के लिए उसे थोड़ा पानी पिला देना चाहिए। कुछ बच्चों में मल त्याग करते समय कांच निकलने की शिकायत होती है। इसे रोकने के लिए मलद्वार को फिटकरी घुले हुए पानी से धोना चाहिए। दो-तीन दिनों में ही आराम मिल जाएगा।
७) बच्चों को रोगाणुओं से बचाना भी जरूरी होता है। बच्चों को रोगाणुओं से बचाकर रखने के लिए प्रति दस-पंद्रह दिनों में एक बार नीम के पानी में नहलाना चाहिए। इसके लिए नीम के पत्तों को पानी में उबाल कर पानी को ठंडा या गुनगुना करके उस पानी से नहलाना चाहिए।
आपकी समस्या के अनुसार एक्सपर्ट या डॉक्टर की राय जरूर लें।/ The information is not a substitute for professional medical advice, diagnosis, or treatment.
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