क्या है सपनों का सच? जानिए सात बड़ी और अनूठी बातें…

क्या है सपनों का सच?

रात को सोते समय नींद में सपने देखना कोई असाधारण घटना नहीं है।

और न ही ऐसी बात है जिससे कि अधिकांश लोग अनजान हों।

नींद में यानी सुप्तावस्था में सपने देखने का अनुभव हर किसी का है, शायद ही कोई होगा जिसने सुप्तावस्था में कभी सपने देखने का अनुभव न किया हो।

स्वप्न विज्ञान के  मुताबिक सोते समय आदमी तरह-तरह के सपने देखता है।

कुछ सपने अच्छे होते हैं तो कुछ बुरे या डरावने।

कभी-कभी  सपने हमें अनूठी दुनिया की सैर कराते पाए जाते हैं।

तो कभी-कभी साधारण लोगों के बीच किसी सामान्य क्रियाकलाप में उलझे हुए।

सपनों को लेकर हुए विविध शोध कार्यों से सामने आया है कि एक औसत व्यक्ति अपनी उम्र के लगभग 6 साल सपने देखने में ही व्यतीत कर देता है।

मनुष्य एक रात में 4 से 6 सपने देखता है और साल भर में करीब 1460 सपने देख लेता है।

सबसे रोचक  बात तो यह भी है कि नींद  से जागने के बाद व्यक्ति  10 मिनट में ही  90 फीसदी  सपनों को भूल भी जाता है।

हम साधारणतः सपनों में उन्हीं बातों को देखते हैं जिनके संस्कार हमारे मस्तिष्क में बन जाते हैं।

सिगमंड फ्रायड के अनुसार सपने मनुष्य, यानी हमारे मन के भीतर छिपी किसी दबी हुई आशा, निराशा अथवा  अभिलाषा की तरफ इशारा करते हैं या महज़ दिनभर की बातों का बेजोड़ चलचित्र होते हैं।

फ्रायड ने अपने पूरे जीवन काल में सपनों पर गहन अध्ययन किया था और अनेक निष्कर्ष भी प्राप्त  किए थे।

आइए  सपनों के बारे सात बड़ी और अनूठी बातें जानते हैं।

१) सपनों में अनजाने चेहरे कभी नहीं देख सकते

सपनों के बारे में यह भी एक जानने योग्य तथ्य है कि हम सपनों में कभी भी अनजाने चेहरे नहीं देख सकते हैं।

हम केवल उन्हीं लोगों को देखते हैं जिनसे हम मिल चुके होते हैं, या फिर जो लोग हमारी नजरों से गुजर चुके होते हैं।

हम भले उन्हें न जानते हों पर उनके चेहरे से कहीं न कहीं हमारा परिचय अवश्य होता है।

अजनबी हमारे सपनों या ख्वाबों की दुनिया में कदापि कदम नहीं  रख सकते।

२) नेत्रहीन या अंधे लोगों को भी आते हैं सपने

सपनों के बारे में एक तथ्य यह भी सामने आया है कि
अंधे अथवा नेत्रहीन  लोगों को भी  सपने आते हैं।

जो लोग जन्म के उपरांत अंधे हो गए होते हैं वे अपने स्वप्न या सपने में चेहरे देख पाते हैं मगर जो जन्मांध या जन्म से अंधे होते हैं उन्हें सपने में चेहरे दिखाई नहीं दे सकते।

वे अपने सपनों में सुगंध और दुर्गंध महसूस कर सकते हैं या फिर उन्हें आवाजें सुनाई देती हैं।

३) सुबह आने वाले सपनों का सच

हम सोते समय हर डेढ़ घंटे में एक सपना अवश्य देखते हैं।

कुछ लोग यह भी मानते हैं कि सुबह के समय आने वाले सपने सच होते है।

लेकिन  इसकी कोई गारंटी नहीं कि सुबह आने वाले सपने सच ही निकलें।

ऐसा बहुत कम ही होता है कि जो सपना देखा है वह निकट भविष्य में घटित हो जाए।

एक बात और है जो जानने लायक है। वह बात यह है कि सबसे लंबा सपना सुबह के समय ही आता है और  35 से 40 मिनट का हो सकता है।

जो याद रहेने की संभावना अधिक होती है।

४) हमारी तरह जानवर भी देखते हैं सपने

सपनों के बारे में यह भी सच है कि सपने केवल आदमी को ही नहीं आते बल्कि जानवरों को भी सपने आते हैं।

कभी-कभी आप अपने पालतू कुत्ते को सोते समय पंजे चलाते या पूंछ हिलाते देखते होंगे।

वह जिस समय ऐसी गतिविधियां कर रहा होता है, तब वह सपना देख रहा होता है।

५) सेxक्स से भी होता है सपनों का संबंध

मर्दों में कई बार रात को सोते समय स्वप्नदोष हो जाता है।

ऐसा तब होता है जब वह नींद में सेxक्सी सपने देखते हैं।

बता दें कि स्वप्नxदोष होने पर ही हमारी आंखें खुलती हैं जबकि हमें पहले से पता होता है कि स्वप्नxदोष हो रहा है।

रात को गरम दूध पीने से स्वप्नxदोष की संभावना बढ़ जाती है।

सेxक्स से संबंधित सपने पुरुषों को ही नहीं आते, बल्कि महिलाओं को भी आते हैं और उनमें भी उत्तेजनावश योxनि स्रावण होता है, क्योंकि ज्यादातर सेxक्स स्वप्न संभोग से जुड़े होते हैं।

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