8 चीजें, जो आने वाले 20 सालों में आपके लिए बहुत कम मैटर करेंगी
8 चीजें जो आने वाले 20 सालों में आपके लिए बहुत कम मैटर करेंगी [ 8 THINGS THAT WILL MATTER A LOT LESS FOR YOU IN NEXT 20 YEARS]
आपके लिए आज जो चीजें मायने रखती हैं ऐसा जरूरी नहीं हैं कि वो आज से 20 साल बाद उतना ही मायने रखे। इसके उलट अक्सर देखा जाता है कि एक युवा के रूप में जो चीजें हम सोचते हैं या करते हैं एक mature वयस्क के रूप में उनकी कोई बहुत ज्यादा मायने हमारे लिए रह नहीं जाते है।
आज हो सकता है आपमें से कई लोगों को लगता हो कि अगर उनको अधिक पैसे वाली salary ना मिले तो वे असफल हैं और जीवन भर इसके लिए पछताने वाले हैं। मगर हो सकता है कि 20 साल बाद जब आप पीछे मुड़के देखें तो अपनी इस सोच पर धीरे से हंस जाएँ।
वक्त गुजरता है और वक्त के साथ हमारी जरूरतें हमारे विचार भी बदलते हैं। जिंदगी की सुबह जो आप सोचते हैं या जो महसूस करते हैं, हो सकता है जिंदगी की दोपहर उससे बिल्कुल ही अलग हो। एक युवा के तौर पर यह जानना कि कौन-सी चीजें आपके लिए भविष्य में कम मायने रखेंगी, बेहद जरूरी है और आज के इस लेख में हमने ऐसी ही कुछ चीजों के बारे में चर्चा की है।
1. दिनभर की अनिवार्य चिंता
आप आज किस चीज को लेकर परेशान रहे, आपने दिन भर किस चीज की चिंता की। आज से 1 हफ्ते या फिर 1 महीने बाद यह शायद मायने नहीं रखेगा। हालांकि दिनभर की चिंता अनिवार्य है और इससे बचा नहीं जा सकता है। मगर इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि इसे बहुत अधिक गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
2. छोटी-छोटी FAILURES पर खुद के क्षमता पर शक करना
कई बार होता है कि हम लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं और उसे पूरा नहीं कर पाते हैं। ऐसी स्थिति में हमारा मन हमारी स्वयं की क्षमता को संदेह के घेरे में लाकर खड़ा कर देता है। बढ़ती उम्र के साथ हमें पता चलता है कि छोटी-छोटी असफलताऐं जीवन का टूट हिस्सा हैं और इन्हें अधिक गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है।
3. PERFECTION को गोल बनाना
कुछ भी चीज कभी भी perfect नहीं हो सकती, इसलिए perfection कभी goal नहीं हो सकता। कई बार होता है कि हम चीजों को perfect करने में पीछे लग जाते हैं जिसके चक्कर में अक्सर चीजें और भी खराब हो जाती है। इसलिए जितना हो सके, अत्यधिक perfectionism को अवॉइड करना चाहिए।
4. किसी भी काम को शुरू करने से पहले पूरी तरह confident होने की चाह
कई बार होता है कि हम किसी काम को करने में शुरुआत से ही confident होते हैं तो वहीं कई बार हमारा self confidence शुरवात में काफी नीचे होता है। यह सबकुछ हमारी परवरिश और स्वभाव पर निर्भर करता है।
अगर आप extrovert हैं तो लोगों से मिलने में आप confident होंगे, जबकि अगर आप introvert हैं तो हो सकता है कि आप किसी नई किताब को शुरू करने में खुद को ज्यादा confident महसूस करें। मगर हमेशा काम की शुरुआत करने में पूरी तरह confident होने की चाह ना रखें। जैसे जैसे आप काम करते हैं confidence खुद ब खुद आ जाता है।
5. वहीं काम करना जिससे आपको direct फायदा हो।
इंसान का एक instinction है कि वह उसी काम को करना चाहता है जिससे कि उसे कुछ direct फायदा हो। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है यह instinction हमारे लिए clear होने लगता है।
कई काम होते हैं जो हम बिना किसी self benefiting intent को ध्यान में रखकर करते हैं और वो हमारे लिए फायदेमंद साबित होते हैं। जबकि हमने ऐसा सोचा भी नहीं होता है। इसलिए यह बहुत अच्छी बात है अगर आप कोई ऐसा काम करते हैं जिससे आपको कोई फायदा ना हो रहा हो मगर आपके अंदर से आवाज आ रही हो कि आपको यह काम जरूर करना चाहिए।
6. फालतू की बहसों में पड़ना
ऑनलाइन तकनीक ने लोगों के बीच communication को बेहतर बनाया है मगर साथ ही साथ उसने बेकार की बातों पर बहसों के लिए एक प्लेटफॉर्म का भी निर्माण किया है।
आजकल लोग अपना काफी वक्त फालू की बहसों पर जाया करते हैं जिनका कोई विशेष मतलब होता नहीं है। और अगर वे बहस जीत भी जाते हैं तो वास्तव में उसका किसी के जीवन पर फरक पड़ने वाला होता नहीं है। ऐसी बहसों में कई बार व्यक्तिगत रिश्ते भी खराब हो जाते हैं। इसलिए जितना हो सके इन बहसों से बचें और अपने समय का सही उपयोग करें।
7. सबकुछ एक साथ करने की तमन्ना
आजकल हम सब जल्दी में हैं। हम सबकुछ एक साथ कम समय में कर लेना चाहते हैं। जबकि practically ऐसा possible नहीं है। कुछ बड़ा करने में वक्त लगता है और वक्त आपको देना पड़ता है। जो चीज जितनी देर में और जितनी मेहनत से आती है वह उतनी ही देर तक टिकती है हमेशा यह बात याद रखें।
8. नए-नए plans को बस plan करना
हम सबके साथ होता है कि हम अपने निजी तौर पर, या फिर दोस्तों या family के साथ plan बनाते हैं और वह किसी कारण के पूरा नहीं हो पाता है। हमें जितना हो सके इससे बचना चाहिए।
अक्सर हमारी जिंदगी के सबसे बड़े घटनाएँ unplanned होती हैं और उनकी हमने उम्मीद भी नहीं की होती है। जबकि हमारी जिंदगी के सबसे बड़े regrets हमारे plan किये हुए plans का पूरा ना होने से होते हैं। इसलिए plan कम बनाइये मगर उन्हें पूरा कीजिए।
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