क्या संस्कृत को शिक्षा पद्धति से हटा देना चाहिए??

संस्कृत भाषा का शिक्षा पद्धति में महत्त्व

अभी कुछ ही दिन हुए संदीप माहेश्वरी का जी Controversy हुआ जिसमें उन्होंने ये कहा, कि हमें उन विषय को शिक्षा पद्धति से हटा देना चाहिए, जिसका कोई use न हो ताकि हम सिस्टम को Intresting बना सकें।

हालांकि बाद में उन्होंने इस बात को लेके अफ़सोस भी जताया। संदीप जी का सुझाव ये भी था कि जैसे इतिहास में बहुत सारी चीज़ें हैं, जैसे अकबर कब मरा, बाबर कब मरा, इस तरह की चीजें रटने के बजाय हमें प्रैक्टिकल चीजें पढ़ने की ज्यादा आवश्यकता है।

जैसे – “गांधी जी के विचार” आदि…. खैर यहां विवाद संस्कृत को लेकर खड़ा हो गया तो आइए हम चर्चा करते हैं, संस्कृत के बारे में। ग्रुप में आपलोगों का विचार जाना तो आपलोगों में से कुछ ने कहा, संस्कृत होना चाहिए, कुछ ने कहा संस्कृत नहीं होना चाहिए।

तो आइए इस पर करते हैं विस्तृत चर्चा संस्कृत का अन्य भाषाओं पर प्रभाव संस्कृत को भाषाओं की जननी कहा गया है। संस्कृत के बारे में माना जाता है यह सबसे प्राचीन स्पीकिंग लैंग्वेज है।

चीन के द्वारा भी यह पुष्टि की जाती है कि उनके यहां के भाषाओं का स्रोत कहीं न कहीं संस्कृत से ही मिलता है। भारतीय भाषाओं की भी बात करें तो यदि आपको संस्कृत आता है तो आप हिंदी, बंगाली, मराठी, जैसे सभी भाषा को आसानी से समझ जाओगे।

संस्कृत के बारे में भ्रांतियां संस्कृत के बारे में सबसे बड़ी भ्रांति ये है कि लोग इसे सिर्फ पूजा पाठ की भाषा मानते हैं। माना जाता है कि यह किसी विशेष धर्म, विशेष समुदाय अथवा विशेष जाति की भाषा है।

संस्कृत को धर्मिक भाषा माना जाता है जो कि गलत है। प्राचीन पुस्तकें 90% से ज्यादा जो संस्कृत में लिखी गई है वो Non-religious है।

Agricultural – कृषि शास्त्र Astronomy & astrology – ज्योतिष शास्त्र Botany – वृक्षायुर्वेद Chemistry – रसायनशास्त्र Mathematics – गणित शास्त्र Mechanical science – यंत्र शास्त्र Medical science। – आयुर्वेद Metallurgy। – लोहा शास्त्र Biology। –

जिवविजनं कम्प्य़ूटर प्रोग्रामिंग में संस्कृत का उपयोग कम्प्यूटर प्रोग्रामर द्वारा बताया जाता है कि संस्कृत प्रोग्रामिंग के लिए साइंटिफिक और परफेक्ट भाषा है। संस्कृत भाषा में आप किसी भी चीज को छोटे से छोटे शब्दों में बोल सकते हो।

संस्कृत के पास विश्व का सबसे बड़ा शब्द भंडार है। अंतरराष्ट्रीय रूप में संस्कृत की पहचान जर्मनी और भी कई देश आज के आधुनिक युग में संस्कृत पर रिसर्च कर रहे हैं।

जर्मनी ने तो संस्कृत पर रीसर्च के लिए अलग से एक यूनिवर्सिटी भी खोली हुई है। फ्रांस भी कहता है कि फ्रेंच भाषा का भी कहीं न कहीं स्रोत संस्कृत से मिलता है। अगर हम संस्कृत को एक दूसरे मोर्चे से देखें तो, अभी तक तो हमने संस्कृत के बारे में बहुत ही रोचक जानकारी डिस्कस की है।

लेकिन अगर हम इसके दूसरे मोर्चे से देखते हैं तो पाते हैं। आज की तारीख में भाषा का जो उपयोग होता है वो सिर्फ संचार के लिए होते हैं। हम अंग्रेजी को सीखते हैं ताकि पूरे विश्व में हम कहीं भी बात कर सकें हमारा कम्युनिकेशन स्किल बेहतर हो।

संस्कृत का उपयोग दैनिक जीवन में नहीं किया जा रहा है। क्या संस्कृत सीखना कठिन है? ऐसा बताया जाता है कि संस्कृत सीखना बहुत मुश्किल है, इसे सीखने की प्रक्रिया काफी कठिन है।

हालांकि व्यक्तिगत रूप से मुझे ऐसा तो कभी नहीं लगा। बहुत ही मधुर और प्रिय ही लगा, लेकिन छात्रों को इसे सीखने में परेशानी होती है ऐसा सुनने को जरूर मिला।

आपको क्या लगता है ये मुद्दा मैं आप पर छोड़ता हूं कि आप संस्कृत को कैसे judge करेंगे। मुझे अपने विचार कमेंट्समें बताना न भूलें। संस्कृत का सांस्कृतिक महत्व विश्व भर में सभी देश अपनी-अपनी संस्कृति को बचा रहें है।

तो भारत ऐसा क्यों न करे ? आपका सवाल जायज़ है। भारत को भी अपनी संस्कृति की रक्षा करनी चाहिए, लेकिन ये कैसे करना है? संविधान के आठवीं अनुसूची के अन्तर्गत 22 भाषाओं में से एक संस्कृत भी आता है।

2011 का आंकड़ा देखें तो भारत की 1.3 बिलियन आबादी में सिर्फ 25000 लोगों ने ये क्लेम किया कि संस्कृत उनकी मातृभाषा है। लेकिन बाकी की जो 21 भाषा है उसकी संख्या 10 लाख से ऊपर है।

सिर्फ संस्कृत ही है, जो इतने कम लोगों की मातृभाषा है। पिछले 70 सालों से हम संस्कृत को लेकर इतना गौरवान्वित महसूस करते हैं, लेकिन संस्कृत को बढ़ावा क्यों नहीं मिल रहा है? जहां तक संदीप माहेश्वरी जी का कहना था मुझे लगता है उनका मोटिव यही था, वो यही बताना चाह रहे थे कि हमें अपने Education System को आसान बनाने की जरूरत है।

ताकि जो बच्चा स्कूल न जाना चाहता है वो भी जाए। आप सब के विचारों का स्वागत रहेगा। धन्यवाद

मराठी भाषा, महाराष्ट्र में लोगोंसे सराहे जाने के बाद मनाचेTalks अब हिन्दी में!!

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2 Responses

  1. Janardan powar says:

    ये संदीप महेश्वरी आहे तरी कोण? कोणी देव आहेत का ?

  2. bale. chandreshwar says:

    im in favour ifsanskrit language.n im ready to learn it. but i m in need of. tuitions on line .or wats app.plz.mail me details.i.e. the plan of education
    the cost.n how it will be / the duration n Faqsetc. o

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