दुनिया में जूतों को लेकर भी प्रचलित हैं कई अंधविश्वास या किंवदंतियां
दुनिया में जूतों को लेकर भी प्रचलित हैं कई अंधविश्वास या किंवदंतियां,जानिए कुछ के बारे में
जूते कहो या चप्पलें संसार में शायद ही कोई होगा जिसे इन्हें पहनने का अनुभव न हो, या जो इनकी आवश्यकता से वाकिफ न हों।
तरह-तरह के जूते-चप्पल सभी पहनते हैं।
हम सभी जूते अपने पैरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पहनते हैं।
जूते धूल-मिट्टी, कंकड़-पत्थर, शूल या कांटों आदि से हमारे पैरों की रक्षा करते हैं।
आजकल के जमाने में जूते-चप्पल नए-नए एवं सुंदर व आकर्षक डिजाइनों में मिलते हैं और इसी कारण इन्हें सजने-संवरने के लिए भी पहनते हैं।
इसके अलावा आज जूते हमारी वेषभूषा या परिधान का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं।
जूते पहनने का प्रचलन कोई नया नहीं है बल्कि जूतों का इतिहास बहुत पुराना काफी है।
अगर जूतों के इतिहास पर नज़र डालें तो पाते हैं कि सबसे पहले ज्ञात जूते सैंडल हैं जो लगभग 7000 या 8000 ईसा पूर्व से पहले के हैं।
ये सन् 1938 में यूएसए के ऑरेगन राज्य में फोर्ट राॅक गुफा में पाए गए थे।
दुनिया का पहला जूता चमड़े का था जो सन् 2008 में आर्मेनिया की गुफा में पाया गया था।
एरिक ट्रिंकौस एक भौतिक मानवविज्ञानी हैं उन्हें इस बात का सबूत मिला है कि जूतों का उपयोग आज से लगभग 40,000 से 26,000 वर्ष पूर्व के बीच शुरू हुआ था।
जूतों का इतिहास जितना पुराना है उतनी ही पुरानी हैं उनसे जुड़ी किंवदंतियां अथवा अंधविश्वास।
आइए दुनिया भर में प्रचलित कुछ ऐसी ही अंधविश्वासपूर्ण मान्यताओं या किंवदंतियों के बारे में जानें।
१) जूतों को मेज़ पर रखना
जूतों के नए जोड़े को मेज पर रखना अशुभ माना जाता है।
यह दिनभर बुरी किस्मत का सामना करने, नौकरी आदि खोने या किसी के साथ झगड़ा होने, विशेषतः अपने साथी के साथ कलह का सूचक माना जाता है।
इससे छुटकारा पाने का एक यह उपाय भी प्रचलित है कि अगर भूल से ऐसा हो जाए तो जूतों को वापस फर्श पर रखकर उन्हें उचित स्थान पर रख दें।
२) नए जूतों का उपहार
दुनिया के कई भाग ऐसे भी हैं जहां नए जूते उपहार के रूप में देना अपशकुन माना जाता है।
चीन में नए जूतों का उपहार दुर्भाग्य का सूचक माना जाता है।
इसे रिश्तों के अंत तथा बुरी आत्मा देने का संकेत माना जाता है।
मगर इस बारे में एक और बात प्रचलित है कि यह नियम परिवार के सगे-संबंधियों पर लागू नहीं होता।
चीन में ट्राउजर का उपहार शुभ माना जाता है।
३) गर्लफ्रेंड या ब्वॉयफ्रेंड के लिए जूते
कई जगहों पर ऐसी भी मान्यता या किंवदंति पायी जाती है कि किसी को अपने ब्वॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड को नए जूते खरीदकर नहीं देने चाहिए, क्योंकि यह उनकी जुदाई का कारण बनता है। ये जूते उन्हें दूर लेकर जाते हैं।
४) यात्रा पर जाते समय
कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यात्रा पर घर से बाहर जाते समय घर के मुख्य द्वार पर पुराना जूता छोड़ना शुभ होता है।
ऐसा करने से यात्रा के दौरान किसी तरह की बाधा या दुर्भाग्य का सामना नहीं करना पड़ता।
५) शनिवार को काले जूते खरीदना
हमारे भारतीय समाज खास तौर पर हिंदुओं की यह मान्यता प्रचलित है कि शनिवार को काले जूते नहीं खरीदने चाहिए।
शनिवार को काले जूते खरीदना अशुभ होता है।
शनिवार को काले जूते पहनना शनि देव को नाराज करना है। इससे जीवन में दुख या कष्ट आ सकते हैं।
६) शनिवार को जूतों की चोरी होना शुभ
कुछ लोग शनिवार को जूते चोरी होना शुभ मानते हैं।
उनका मानना है कि शनिवार को जूते-चप्पल चोरी हो जाएं तो दुख -परेशानी उनके साथ चली जाती हैं।
मान्यता है कि शनि का स्थान पैरों में होता है अगर आप दूसरे के जूते पहनते हैं तो उसकी परेशानी अपने ऊपर ले लेते हैं
७) बाहर पहनकर गए जूते
कई जगहों पर बाहर पहनकर गए जूतों को घर के अंदर ले जाना अशुभ माना जाता है।
इसे घर में कीटाणुओं के प्रवेश का सूचक भी माना जाता है।
घर में जूते पहनने के बजाय चप्पल या रबड़ के सेंडेल पहनना उचित माना गया है।
८) घर में पड़ी टूटी चप्पलें
घर में पड़ी टूटी चप्पलें अशांति फैलाती हैं। उलटी पड़ी चप्पल उस व्यक्ति की बीमारी की सूचक होती है।
जूते पहनकर भोजन करना दुर्भाग्य लाता है। दरवाजे पर चप्पलें उतारना बरकत द्योतक है।
चप्पल के ऊपर चप्पल व्यक्ति की पिटाई की सूचक होती है।
९) पुराने जूते का इस्तेमाल
कुछ लोग पुराने जूते को अपने वाहन के आगे या पीछे बांध देते हैं।
उनका मानना है कि ऐसा करने से उनके वाहन लोगों की बुरी नज़र से सुरक्षित रहता है।
पुराने जूते को जलाना अशुभ माना जाता है।
जूते पहनने के बाद बाएं पैर वाले जूते को पहले उठानाअति शुभ होता है।
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