अमीर कैसे बनें : जानिए 6 महामंत्र
दुनिया में कौन अमीर नहीं बनना चाहता ?
मोक्ष की चाहत रखने वाले या मोक्ष प्राप्त करने वाले बुद्धिमान महापुरुष, जो समाधि की स्थिति में चले गए, या फिर जो मासूम बच्चा धन के मूल्य को नहीं समझता है…. इन को छोड़कर, इस दुनिया में हर कोई अधिक से अधिक अमीर बनना चाहता है।
आम तौर पर, लोगों के मन में, तरह तरह के सवाल होते हैं, जैसे
रातों रात अमीर कैसे बनें, गरीब से अमीर कैसे बनें, 1 दिन में अमीर कैसे बनें, अमीर बनने के बिजनेस, अमीर बनने के लिए क्या करना चाहिए, अमीर बनने के टोटके, बड़ा आदमी बनने लिए क्या करना चाहिए, अरबपति बनने का मंत्र, करोड़पति बनने के टोटके, अरबपति बनने के उपाय, अमीर बनने के उपाय, अमीर कैसे बनें, करोड़पति बनने के उपाय… वगैरह….
ऐसे ऐसे सवाल जिसका सामना हमारा गूगल दिन भर करते रहता है। आपके इन्हीं सवालों का समाधान हम इस लेख में करने वाले हैं।
पैसा कमाने के लिए, अमीर बनने के लिए हम सुबह से शाम तक दौड़ते रहते हैं, लेकिन हर कोई उतना अमीर नहीं बन पाता जितना वो चाहता है।
पता हैं, आपको अमीर बनने से कौन रोक रहा है ?
आप खुद ! जी हां ! आप खुद…..
आपका सवाल मैंने समझा, पर अब मैं आपके लिए एक सवाल छोड़ के आगे बढूंगा जिसका उत्तर आपको अपने स्तर से ढूंढ़ना है।
“अमीर लोग क्या सोचते हैं ?”
जी हां आपको ये समझना होगा कि अमीर लोगों की क्या आदतें, या उनकी क्या सोच होती है। उनकी क्या मानसिकता होती है ? जो उन्हें खास बनाती है।
धनवान लोग एक निश्चित मानसिकता के साथ जीते हैं, उनके दिमाग में कोई उथल पुथल नहीं मचती।
अमीर बनने के लिए क्या करना चाहिए ?
आज मैं आपको अमीर लोगो की कुछ खास आदतों के बारे में बताने जा रहा हूं।
1) आज नकद कल उधार
क्या आपने दुकान में इस तरह की लिखी quote की तस्वीर देखी है ?
एक मोटे सेठ जी पैसों से भरे गल्ले पर बैठे होते हैं। ऊपर बोर्ड पर कुछ इस तरह लिखा होता है।
“हम नकदी बेचते हैं।” “ग्राहक राजा होता है, राजा उधार नहीं मांगता”
दूसरी तरफ एक दिवालिया घोषित व्यापारी, जो उधारी लगा लगा कर अपनी सारी पूंजी बर्बाद कर लेता है।
कहने का तात्पर्य ये हुआ कि धनवान लोग नकद लेना पसंद करते हैं। और उसका भुगतान अच्छी सेवा के रूप में करते हैं।
पांच साल पहले मैं बहुत अंतर्मुखी था, मुझे पैसे मांगने में अजीब सा लगता था, कई लोग मेरे डरपोक स्वभाव का फायदा उठाते थे।
मैं अपनी गलतियों से सीखता रहा।
पर आज मैं बिना किसी हिचकिचाहट के पैसे मांगता हूं। मुझे कोई परवाह नहीं है कि मुझे काम मिलता है या नहीं।
क्योंकि, जो अच्छे होंगे, जिन्हें अच्छे काम की पहचान होगी वो मुझे काम देंगे ।
मुझे ऐसे लोगों के साथ क्यों व्यवहार करना चाहिए जो अच्छे काम की कीमत नहीं पहचानते ?
2) ग्राहक सेवा करो : बेहतर सेवा सुनिश्चित करो
एक संतुष्ट ग्राहक अगली बार कई ग्राहकों को साथ लाता है। लेकिन एक असंतुष्ट ग्राहक उससे अधिक स्थानों पर आपके बुरी सेवा का प्रचार करता है।
सेवा प्रदान करते समय तत्पर रहें और दिए गए समय और शब्दों का पालन करें।
ग्राहक को अन्नदाता के रूप में देखें। अपना काम अच्छे से करें और शांत रहें।
3) बड़ा सपना
मेरी एक दोस्त हमेशा मुझसे कहती थी, मुझे किसी चीज में कोई दिलचस्पी नहीं है, मेरे जीवन का क्या लक्ष्य है कुछ भी स्पष्ट नहीं है, आदि आदि ।
मैंने उसे दो काम दिए।
एक दिन मैंने उससे कहा अपने पसंदीदा कार का टेस्ट ड्राइव करके आओ।
अगले दिन मैंने उसे शहर के सबसे महंगे गहनों की दुकान में भेजा।
वह मेरी बात पर विश्वास करके दोनों जगह गई और मुझे सेल्फी भी भेजी।
उसके बाद उसने मुझसे कभी नहीं बताया कि मैं बोर हो रही हूं ! क्योंकि अब उसने अपने दिल में भव्य सपनों के बीज बोएं हैं।
4) थोड़ा जोखिम लें
भाग्य कायर और अज्ञानी पे खुश नहीं होता है। कुछ लोग लगातार डराएंगे पर आपको ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए। बशर्ते आपका फंडामेंटल मजबूत हो।
अमीरों की सबसे अच्छी और खास आदत होती है कि वो रिस्क लेने से डरते नहीं हैं।
कभी कभी फ्रंट फुट भी खेलें। हमेशा रक्षात्मक खेलना जरूरी तो नहीं !
साहसी बनिए, नए नए प्रयोग करते रहें। नई चीजें साझा करें। जीवन में रुचि पैदा करें, स्वतः ही रोमांच पैदा करें।
मित्रों, यह खुशी आपके जीवन को सार्थक बनाएगी।
5) पैसे से नफ़रत न करना
अध्यात्म में कहीं भी जाओ, सत्संग में जाओ, बाबा – गुरु – दार्शनिक आपको बताएंगे।
पैसा मतलबी है।
पैसा आदमी का दुश्मन है।
पैसा इंसान को शैतान बनाता है।
फिर यही बाबा इस कथा के बदले 1 लाख का दक्षिणा मांग रहे होते हैं।
धन से घृणा करने वाला दर्शन, मनुष्य को कभी आगे बढ़ने नहीं देता। हमारी सभ्यता में, हमारे कल्चर में कहीं धन का तिरस्कार करने की बात नहीं है।
अगर धन का तिरस्कार करना हमारी संस्कृति होती तो धन की देवी लक्ष्मी जी की पूजा न होती।
धन पर घमंड करना गलत है, लेकिन धन से घृणा करना भयानक है।
इसलिए कभी भी खाली वॉलेट लेकर नहीं घूमें।
सात पापों के अपने विश्व प्रसिद्ध लेख में गांधी जी कहते हैं।
बिना कार्य के कमाया धन पाप है।
अर्थात कर्म से कमाया हुआ धन ही पुण्य है।
जब पैसे की बात होती है तो हमेशा दो सिद्धांत होते हैं।
1) जब पैसा आता है, तो किसी के भी बुरे काम को अपने साथ मत लेके आओ, किसी का धन बर्बाद मत करो।
2) पैसा खर्च करते समय, इसे उसी जगह पर उपयोग करें, जहां ये आपको और दुनिया को फायदा पहुंचाएगा।
बस इन दो चरणों का पालन करें
6) हमेशा कुछ नया सीखते रहो
अधिक ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए, क्या आपने 2020 में कुछ तय किया है? जो आपने 2019 में नहीं किया?
आप कितने दिनों से प्रेरणादायक पुस्तकें पढ़ रहे हो?
क्या आप महान प्रेरक वीडियो, विद्वानों को सुन रहे है ?
क्या आप कुछ नया सीखने के लिए पैसे खर्च करने के लिए तैयार हैं।
आज 20 वीं सदी में इंटरनेट युग में आप देश विदेश हर जगह से ज्ञानी व्यक्ति से जुड़ सकते हैं। उनसे कुछ अच्छा सीख सकते हैं।
ये सीख ही आपको जीवन में कुछ नया करने की प्रेरणा देगी।
3-4 साल पहले मेरी सोच बहुत संकुचित थी।
मेरे पास मौजूद धन, शक्ति, ऊर्जा, ज्ञान मेरे पास था।
पहले मेरी ये सोच थी कि मुझे दूसरों को क्यों देना चाहिए? मुझे लगा कि देने से यह कम हो जाएगा।
जब तक मेरे पास इस तरह के विचार थे, तब तक मुझे कभी सफलता नहीं मिली।
और जब से मैंने इन विचारों को छोड़ा, और नए नए लोगो से जुड़ा, मेरा जीवन बदल गया है।
फ़रवरी से अब तक मैंने अलग अलग लोगो के लिए 200 से अधिक लेख लिखे।
उससे जो पैसे मिले उसे अलग अलग शिक्षण संस्थानों में, वृद्धाश्रमों में दान के रूप में दिया ।
तो दोस्तो ये कुछ आदतें थी जो आपको अमीर बनाती है।
शुभकामनाएं और हार्दिक आभार !
दोस्तों, कमेंट्स में बताए, लेख कैसा लगा…. आप हमसे और किन विषयो में सुनना चाहेंगे।और हाँ, अपने दोस्तों में लेख शेअर जरूर करें।
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