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10 चीजें जो नए साल में अपने साथ ना ले जाए | 2022 resolutions quotes
‘कल्पनाएं’ जो हकीकत से दूर एक अलग ही दुनिया में ले जाती है। जो हमारे पास है उससे खुश होने की जगह, जो हमारे पास नहीं है उसकी कल्पना से हम हमेशा परेशान रहते है।
आज 95% लोग अपनी जिंदगी से नाखुश होंगे। हर कोई यही चाहता है काश, मुझे थोड़ी और आसान जिंदगी मिली होती। काश, मेरी जिंदगी थोड़ी और बेहतर होती। काश, मैं जिंदगी में थोड़ी और मजे कर पाता। काश, मैं अपनी जिंदगी में थोड़ा और कामयाब होता।
यह सब ख्याल धीरे धीरे आपकी सोच, आपके व्यवहार, आप की कार्य क्षमता पर असर डालना शुरू कर देते है। जो आपके पास है उससे खुश ना होकर, जो पास नहीं है हम हमेशा उससे दुखी रहने लगते है।
मुझे इसका एहसास तब हुआ जब मैं कैंसर से पीड़ित एक 10 साल की बच्ची से मिला। जिसकी पिछले 3 सालों में 14 सर्जरी हो चुकी थी।
अपनी इतनी खराब मेडिकल कंडीशंस के बावजूद उसे कभी हारते हुए, दुखी होते हुए या परेशान होकर रोते हुए नहीं देखा।
आज भी वह बच्ची हंसती है, खेलती है, अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुश होती है। जिंदगी के इस कठिन दौर में उस बच्ची का ऐसा रवैया काबिले तारीफ़ है। वास्तविकता को जानते हुए भी उसके कुछ लक्ष्य है, वह रोज सुबह एक नई एनर्जी के साथ उठती है।
यह बच्ची, उसका यह आशावादी नजरिया, हमे जिंदगी जीने का सही तरीका सिखाते है।
जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते है, जिंदगी की सच्चाइयों और मुश्किलों से रूबरू होते है, वैसे-वैसे हमे पता लगता है कि हम कितने खुश किस्मत है।
हमारी अपेक्षाओं और कल्पनाओं ने हमे कितना परेशान कर रखा था। इन्हीं के कारण हम कभी-कभी खुद को हारा हुआ भी महसूस करते है।
अपनी बेवजह की उम्मीदों और निराशावादी नजरिए से हम अपनी जिंदगी के ना जाने कितने खूबसूरत पलों को बर्बाद कर देते है।
तो आइए यह आने वाला नया साल कुछ नई उम्मीदों और आशाओं के साथ मनाए। कुछ ऐसी कल्पनाओं और उम्मीदों को छोड़ दे जो हमे परेशानी के अलावा और कुछ नहीं दे रही। खुद को पढ़े। अपनी बुरी आदतों और भटकाने वाले रास्तों को छोड़ दे।
1. इस कल्पना को छोड़ दें कि, ‘आप के अलावा बाकी सभी जानते है कि आप के लिए सबसे अच्छा क्या है।’
भीड़ को सुनना छोड़ दें। दुनिया का शोर सुनकर अपना रास्ता तय ना करें। आज के इस मार्केटिंग और सोशल मीडिया के दौर में वास्तविकता को पहचाने। अपने दिल, अपने परिवार, अपने सच्चे मित्रों, अपने सपनों की सुनें और अपनी ऊंचाइयों के लिए एक आशावादी रास्ता चुने।
2. इस कल्पना को छोड़ दें कि, ‘आपका गुस्सा और निराशा किसी और की गलती है।’
आपके विवेक और आपकी ताकत का सही अंदाजा तभी लगता है जब आप मुश्किल परिस्थितियों का सामना करते है। अगर चीजों पर ओवर रिएक्ट (Overreact) ना किया जाए या हर चीज को खुद पर ना लिया जाए तो परिस्थितियां व्यक्तिगत रूप से हम पर हावी नहीं होती। यह सोच हमारे दिल और दिमाग को शांत करती है।
3. इस कल्पना को छोड़ दें कि, ‘आपकी सबसे बड़ी मुश्किल बाहर की दुनिया में है।’
आपकी सबसे बड़ी मुश्किल आपके दिमाग में है। अगर वहां जीत गए तो आधी जंग तो पहले ही जीत गए। अगर आप अपने दिमाग पर काबू पा लेते है तो आप अपनी परेशानियों पर भावनात्मक रूप से नियंत्रण करना सीख जाते है। आप अपनी मुश्किलों पर प्रभावी रूप से जीत हासिल कर लेते है।
4. इस कल्पना को छोड़ दें कि, ‘जिंदगी इतनी कठिन नहीं होनी चाहिए।’
एक बात हमेशा याद रखिए कि चुनौतियां आपको मजबूत बनाती है। ताकतवर बनने के लिए आपके शरीर और दिमाग दोनों को कसरत की और लगातार काम करने की जरूरत होती है। अगर इनका लगातार प्रयोग न किया जाए तो इन पर जंग लग जाएगा। इसलिए मुश्किलों से घबराइए मत।
5. इस कल्पना को छोड़ दें कि, ‘जोखिम बहुत अधिक है।’
कई बार हम भी नया अवसर, नया मौका सिर्फ नामंजूर या नाकामयाब होने की वजह से छोड़ देते है। कदमों को बढ़ाने से पहले ही पीछे मत खींचिए। कोशिश ही नहीं करेंगे तो कामयाबी कैसे मिलेगी।
6. इस कल्पना को छोड़ दें कि, ‘आप को अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए अनुमति की आवश्यकता है।’
जिंदगी में कुछ करने के लिए, कुछ बनने के लिए हर वक्त किसी की परमिशन की जरूरत नहीं होती। कई बार आपको On The Spot निर्णय लेना होता है। आपके पास रुकने का समय नहीं होता। आप रुके तो मौका आपके हाथ से निकल जाता है। आपका जीवन आपकी पसंद है, इसे बुद्धिमानी से चुने।
7. इस कल्पना को छोड़ दें कि, ‘आपको पहले अधिक आत्मविश्वास महसूस करना चाहिए।’
इस पर विश्वास करना बंद कर दीजिए कि, इस कार्य को करने के लिए अभी आपको खुद पर विश्वास नहीं है। आप अगला कदम तब उठाएंगे जब आप और अधिक आप विश्वास महसूस करेंगे। यकीन मानिए, आपको महसूस करने की नहीं बल्कि आरंभ करने की आवश्यकता है। कामयाब हुए तो आत्मविश्वास अपने आप बढ़ जाएगा और अगर नाकामयाब हुए तो कुछ ना कुछ नया सबक सीख जाएंगे।
8. इस कल्पना को छोड़ दे कि, ‘आपको अधिक, अधिक और अधिक की आवश्यकता है।’
जहां तक संभव हो, खुद को सरल बनाएं। अधिक से अधिक चीजों को हासिल करने की दौड़ में ना भागे। अनावश्यक चीजों को ना कहना सीखे। खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से थोड़ा आराम दे। देखिएगा संतुष्टि एक अलग ही सुकून का एहसास कराएगी।
9. इस कल्पना को छोड़ दें कि, ‘जो आप अभी जानते है, वह हमेशा सच होगा।’
सावधान, विनम्र और सीखने योग्य बने। आप गलत भी हो सकते है, अपनी गलती मानने के लिए भी तैयार रहे। नए विचार, नए कदम, नए दृष्टिकोण और नई शुरुआत के लिए हम हमेशा तैयार करें।
10. इस कल्पना को छोड़ दें कि, ‘हर दूसरा व्यक्ति आप से बेहतर जिंदगी जी रहा है।’
खुद को कम और दूसरों को बेहतर समझना छोड़ दे। हर किसी की जिंदगी में अलग-अलग परेशानियां है। फर्क सिर्फ इतना है कि कोई हंसकर लड़ रहा है तो कोई रोकर।
अगर आप इनमें से किसी भी परेशानी से लड़ रहे हैं तो यकीन मानिए आप अकेले नहीं है। आज से ही कोशिश शुरू कीजिए और पुराने बीतते साल के साथ इन आदतों को भी बीत जाने दीजिए।
अगर हम सुबह उठते ही उन परेशानियों के बारे में सोच रहे है, जिनका उस पल हम कुछ नहीं कर सकते तो हम केवल उस सुंदर सुबह को बर्बाद करने के अलावा और कुछ नहीं कर रहे होते है।
हम किसी के लिए कल्पना कर लेते है कि, उसका हमारे साथ व्यवहार कैसा होना चाहिए, तब हम एक उम्मीद जोड़कर खुद को परेशानी की नई वजह देते है।
वर्तमान को स्वीकार करने के लिए जब तक हम तैयार होते है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है इसलिए उम्मीदों को छोड़िए, कल्पनाओ से बाहर निकलिए और खुद को खुशियों की वजह दीजिए।