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कोरोना के साथ-साथ एक और नई आफत ने दिया दस्तक जिसका नाम है, ब्लैक फंगस
जैसा की आप सभी जानते हैं कि देश में कोरोना की दूसरी भयावह लहर आयी है और उससे अभी तक निजात नहीं मिल पायी है। देश के लगभग सभी राज्यों में कोरोना से मरने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। अब इसके साथ-साथ एक नयी आफ्त ने भी दस्तक दे दी है जिसका नाम है- ब्लैक फंगस।
अब देश में कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों में म्युकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस नाम की बीमारी पांव पसार रही है। यह घातक बीमारी लोगों की आंखें छीन रही है और त्वचा, नाक तथा चेहरे से संबंधित अंगों को जबरदस्त नुकसान पहुंचा रही है।
देश के अनेक राज्यों,जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड आदि में इसके मरीज देखने में आ रहे हैं। यह दुर्लभ संक्रमण जानलेवा साबित हो रहा है।
दिल्ली के एम्स तथा सर गंगाराम अस्पताल में इसके 29 मरीज भर्ती हैं। इनमें से 19 मरीज सर गंगाराम अस्पताल में तथा एम्स के ईएनटी विभाग में भर्ती 10 मरीजों में डाक्टरों को ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। डाक्टरों के मुताबिक वे कोरोना मरीज जिन्हें मधुमेह है और उपचार के दौरान स्टेरॉयड दिया गया है उनका रक्त शर्करा का स्तर अनियंत्रित रूप से बढ़ा है।
इसके अलावा कुछ कोरोना मरीजों को जिन्हें टोसीलिजुमैब तथा इटोलिजुमैब जैसी दवाइयां दी गयी हैं उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली में तेजी से गिरावट आई है। इसी कारण ब्लैक फंगस की संभावना बढ़ी है।
चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड रिसर्च में माइक्रोबायोलाॅजी विभाग के प्रमुख डाॅ अरुणालोक चक्रवर्ती का कहना है कि ब्लैक संक्रमण या फंगस पिछले साल सितंबर तथा दिसंबर के बीच देश के 16 केंद्रों में 2.5 गुना बढ़ा।
लेकिन इस बार इसके और ज्यादा ऊपर जाने की संभावना है। आपको बता दें कि यह डाक्टर चक्रवर्ती उन सदस्यों में से हैं जिन्होंने म्युकरमाइकोसिस पर सरकार की सलाह का मसौदा तैयार किया था।
ब्लैक फंगस को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने भी गंभीर चिंता प्रकट की है तथा इस संक्रमण के मरीजों को अलग वार्ड में भर्ती करने के आदेश जारी किए हैं। स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डाॅ डीएस नेगी ने प्रदेश के समस्त अस्पतालों को इस बारे में अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं तथा इसके मरीजों की समय पर पहचान कर लेने पर जोर दिया है।
क्या है ब्लैक फंगस?
म्युकरमाइकोसिस फंगस या ब्लैक फंगस संक्रमण से जुड़ी एक बीमारी है। यह एक प्रकार की फंगस या फफूंद से फैलती है। इसे बहुत ही घातक बीमारी माना जाता है।
कहा जाता है कि कैंसर तो कुछ सालों तक जान बख्श भी सकता है,मगर ब्लैक फंगस कुछ ही दिनों या घंटों तक में जान ले सकती है। इस फंगस या फफूंद के स्पोर्स या बीजाणु आसपास के वातावरण में उपस्थित रहते हैं और सामान्यतः इनसे कोई खतरा नहीं होता है। मगर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो तो ये जानलेवा साबित हो सकते हैं।
कोरोना के मामलों में यह बहुत अधिक देखने को मिल रही है। इससे बचाव के लिए कुछ खास बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, जैसे कि शरीर के शुगर लेवल को किसी भी स्थिति में बढ़ने नहीं देना है।
अगर बढ़ रहा है तो अविलंब इंसुलिन या दवा के जरिए कम कर लेना है। साथ ही इस पर सही ढंग से नियंत्रण पाने के लिए विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम का होना भी जरूरी है। इस टीम में ईएनटी, ऑप्थाल्मोलाॅजिस्ट, एनेस्थेटिक, मैक्सीलोकैसियल, न्यूरोलाॅजिस्ट आदि की आवश्यकता होती है।
इस बीमारी के कुछ सामान्य लक्षण हैं
नाक या थूक से काले रंग का डिस्चार्ज होना, आंखों की पलकों का निरंतर गिरना, आंखों की मूवमेंट का बंद हो जाना,चेहरे की हड्डियों में सूजन आदि।