धनिए के कुछ औषधीय फायदे, जानिए कैसे देगा आपकी सेहत बनाने में योगदान

धनिए के कुछ औषधीय फायदे

धनिया हम सबके घरों में सामान्य रूप से उपलब्ध होता है तथा इसका सबसे ज्यादा उपयोग भोजन बनाने में होता है।

धनिया औषधीय गुणों से भरपूर होता है और इसकी अपनी एक खास लज्जत या स्वाद होता है।

धनिए की साधारण-सी दिखने वाली पत्तियां और इसके बीज विभिन्न प्रकार के रोगों के उपचार में मदद कर सकते हैं।

इसका स्वाद कुछ तीखा और मिठास भरा होता है।

आइए, जाने कि धनिया आपकी किन-किन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के उपचार में मदद कर सकता है।

१) भूख को बढ़ाने में मदद

अगर आपको भूख कम लगती है तो आप अपनी भूख को बढ़ाने के लिए धनिए का उपभोग कर सकते हैं, क्योंकि इसमें फ्लेवोनायड मौजूद होता है जो भूख को जाग्रत करता है।

इसका लिनालूल नामक तत्व तंत्रिका संचारी क्रियाकलाप तथा शरीर में भोजन की खपत में वृद्धि करता है।

अतः इस कारण भी भूख बढ़ती है।

२) पेशी आंकुचन में मदद

धनिए का सेवन मांसपेशियों की ऐंठन या पेशी आंकुचन के उपचार में मदद करता है।

इसमें मौजूद वातहर तथा एंटीस्पाजमोडिक गुण मांसपेशियों की ऐंठन या पेशी आंकुचन की समस्या को दूर करता है।

यह अपच के कारण उत्पन्न जठरीय समस्याओं तथा दर्द को कम करने में भी सहायक होता है।

३) कृमि संक्रमण से बचाव में मदद

धनिए में कृमिनाशक तत्व निहित पाए जाते हैं।

यह कृमियों के अंडों की वृद्धि को नियंत्रित करके कृमिनाशक का काम करता है और इस तरह कृमि संक्रमण से बचाव होता है।

४) जोड़ों के दर्द में मदद

धनिए की पत्तियों का पेस्ट बना कर शरीर के प्रभावित भाग पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है।

इसमें उपस्थित सिनिऑल तथा लिनोलिक एसिड गठिया तथा अस्थिसंधिशोथ में आराम देते हैं।

इसमें मौजूद एंटीइनफ्लेमेट्री तत्व दर्द और सूजन से राहत देते हैं।

५) आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद

धनिए में प्रचुर मात्रा में विटामिन ‘ए’ मौजूद पाया जाता है और इसीलिए यह आंखों की रोशनी को बढ़ाने में खास मदद करता है और साथ ही उन्हें स्वस्थ व नीरोग बनाकर रखता है।

इसके अलावा यह शरीर में व्याप्त पित्त दोष को संतुलित करके भी आंखों की रोशनी की वृद्धि करता है।

६) पाचन समस्याओं के निदान में मदद

धनिया कृमिनाशक, क्षुधावर्धक होता है तथा इसमें एंटीस्पाजमोडिक गुण मौजूद पाए जाते हैं जो पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं और पेट के अफारे से निजात दिलाते हैं।

इसकी उष्ण तथा दीपन प्रकृति भी पाचन समस्याओं के निदान में मदद करती है। यह मतली,डायरिया तथा एसिडिटी आदि का सफलतापूर्वक उपचार कर सकता है।

७) नाक से जुड़ी समस्याओं के निदान में मदद

आधुनिक विज्ञान के मुताबिक धनिया रक्त स्तंभक यंत्र का काम करता है तथा इसी कारण जलन एवं सूजन में काफी आराम देता है।

इसकी कसाय तथा पित्त की गड़बड़ी को ठीक करने वाली प्रकृति नाक से होने वाले रक्त स्राव को कम करती है।

८) थायराइड संबंधित समस्याओं के उपचार में मदद

धनिए में विटामिन बी1, बी2 तथा बी3 मौजूद पाए जाते हैं जो थायराइड से जुड़ी समस्याओं के उपचार में मदद करते हैं।

इसमें मौजूद खनिज भी थायराइड के निदान में योग देते हैं।

शरीर में व्याप्त वात एवं पित्त की गड़बड़ी ही थायराइड का कारण बनती है।

धनिया इस गड़बड़ी को ठीक करके थायराइड के हार्मोन को नियंत्रित करता है। अतः इस कारण भी थायराइड से राहत मिलती है।

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