दुनिया की कुछ बहुत ही अनूठी परंपराएं जिनके बारे में जानकर आप हो जाएंगे हैरान

दुनिया की कुछ बहुत ही अनूठी परंपराएं जिनके बारे में जानकर आप हो जाएंगे हैरान
दुनिया बहुत ही बड़ी है और इसमें तरह-तरह के लोग रहते हैं।
इस दुनिया के विविध भागों में रहने वाले लोग विविध प्रकार के रस्म-ओ-रिवाज या परंपराएं निभाते हैं।
इन परंपराओं या रीति-रिवाजों में कुछ इतनी अधिक अनूठी या अनोखी होती हैं कि लोग उनके बारे में जानकर दांतों तले उंगली दबा लेते हैं।
हम यहां आपके लिए कुछ ऐसी ही अनूठी परंपराओं का जिक्र कर रहे हैं।
१) दूल्हे राजा के कपड़े फाड़ने की परंपरा
ब्राजील देश में शादी-विवाह से संबंधित एक बहुत ही अनोखी परंपरा पाई जाती है।
यहां सूंट-बूंट पहनकर आने वाले दूल्हे के कपड़े फाड़ने की रिवाज है।
यहां शादी के दौरान निभाई जाने वाली अजीबोग़रीब रस्मों में से एक रस्म यह भी है कि दूल्हे के यार-दोस्त उसकी टाई उतार कर उसके छोटे-छोटे टुकड़े कर देते हैं।
उसके बाद इन टुकड़ों को बेचा जाता है तथा उनको बेचकर जो धन-राशि इकट्ठी होती है उसे नवविवाहित जोड़े के हनीमून पर खर्च किया जाता है।
२) नए जोड़े को तोहफे में कैश देने का रिवाज़
जापान में भी शादी-विवाह से संबंधित एक बड़ी अनूठी परंपरा पाई जाती है।
किसी शादी-ब्याह के समय दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद और पैसे देने की परंपरा तो काफी सामान्य है तथा लगभग सब जगह देखी जा सकती है।
यह भी कोई जरूरी नहीं है कि, जो दूल्हा-दुल्हन का जितना करीबी हो वह उतना ही ज्यादा पैसा दे।
मगर जापान में कुछ ऐसी ही रिवाज पाई जाती है।
यहां की शादियों में मेहमान लोग नए जोड़े के लिए उपहार या तोहफे के रूप में कैश लेकर आते हैं।
कैश यानी नकद धन-राशि इस बात पर निर्भर करती है कि कौन जोड़े का कितना करीबी है।
जो जितना ज्यादा करीबी होता है उसे उतनी ही ज्यादा रकम लाकर देनी होती है।
३) रिश्तेदारों की अस्थियां खाने की परंपरा
ब्राजील और वेनेजुएला में कुछ ऐसे आदिवासी समुदाय मौजूद पाए जाते हैं जो अपने रिश्तेदारों की अस्थियां खाते हैं।
शव को जलाने के बाद जो अस्थियां और राख बच जाती है उसी का सेवन किया जाता है।
ऐसा करने से वे लोग अपने मृत रिश्तेदारों के प्रति जुड़ाव और प्यार महसूस करते हैं।
४) मृत व्यक्ति के शरीर के टुकड़े या मांस खाना
हमारे अपने भारत देश में वाराणसी के अघोरी बाबा मृत व्यक्ति के शरीर के टुकड़े या मांस के लोथड़े खाने के रूप में जाने जाते हैं।
ऐसी मान्यता है कि, ऐसा करने से इनके मन से मृत्यु का भय हमेशा के लिए चला जाता है।
इसके अलावा इसे आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति का साधन भी माना जाता है।
५) खुद को आत्माओं से जोड़ने की परंपरा
पश्चिम अफ्रीका के एक भाग में वूडन नाम के धर्म का अस्तित्व पाया जाता है।
इसकी एक परंपरा के मुताबिक इस समुदाय के लोग जंगलों में तीन दिनों तक बिना खाने और पानी के रहते हैं।
यहां रहकर वे खुद को आत्माओं से जोड़ते हैं।
लोगों का यह मानना है कि इस दौरान उनका शरीर सुध खो देता है अथवा बेहोश हो जाता है।
६) मृत व्यक्ति के शरीर को टुकड़ों में काटने की रस्म
तिब्बत के बौद्ध समुदाय के लोग हजारों सालों से झाटोर नाम की एक पवित्र रस्म मनाते आ रहे हैं।
इसे स्काई बरिल (sky burial) अर्थात् खुले आसमान के नीचे दफनाना नाम से भी जाना जाता है।
इसमें मृत व्यक्ति के शरीर को खुले आसमान के नीचे गिद्धों और अन्य पक्षियों के लिए रख दिया जाता है।
तिब्बत में ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति का दूसरा जन्म होगा।
यहां मृत व्यक्ति की लाश को टुकड़ों में काटकर ऊंचे स्थानों पर फ़ैला दिया जाता है।
७) दौड़ती गायों के नीचे लेटने की परंपरा या रिवाज़
भारत के मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के कुछ गांवों में एक हैरान कर देने वाली परंपरा या रिवाज़ पाई जाती है।
यह परंपरा नयी नहीं है बल्कि काफी पहले से ही चली आ रही है।
इसके अनुसार लोग जमीन पर लेट जाते हैं तथा उनके ऊपर से दौड़ती हुई गाएं गुजारी जाती हैं।
इस रिवाज़ को दीवाली से अगले दिन संपन्न किया जाता है।
तथा इसे एकादशी पर्व कहा जाता है।
इस पर्व पर गायों को सजाया जाता है और लोग मालाएं पहन कर रास्ते में लेट जाते हैं तथा फिर दौड़ती हुई गाएं उनके ऊपर से गुजर जाती हैं।
8) मरे हुओं के नाम पर त्योहार जैसे उत्सव की प्रथा
भले ही आप इस परंपरा के बारे में सुनकर हंसने लगें, मगर यह सत्य है कि मैडागास्कर में व्यक्ति के मरने पर त्योहार जैसा उत्सव होता है अर्थात् त्योहार जैसा माहौल होता है।
फामडिहाना अर्थात् ‘टर्निंग ऑफ द बोन्स’ रस्म के तहत लोग दफन शवों को निकाल कर उनकी यात्रा निकालते हैं।
इस दौरान नाचते-गाते हैं तथा कब्रों के नजदीक मस्जिदों में ऊंची आवाज़ में म्यूजिक बजाते हैं।
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