अश्वगंधा के सेहत के लिए फायदे जानिए इस लेख में

अश्वगंधा के फायदे
अश्व जैसी गंध वाली अश्वगंधा हमारी भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में एक जानी मानी औषधि है जिसका प्राचीन काल से ही आयुर्वेद उपचार में प्रयोग होता आया है।
आप यह भी समझ सकते हैं कि  इसका औषधि के रूप में  हजारों सालों से प्रयोग हो रहा है।
अश्वगंधा में व्यक्ति की सेहत को चुस्त-दुरुस्त बनाने वाले छोटे-बड़े कई गुण छिपे हुए हैं। इसीलिए  कई प्रकार के शारीरिक व मानसिक रोगों के उपचार में अश्वगंधा का प्रयोग किया जाता है।
आयुर्वेदाचार्यों की बात माने तो अश्वगंधा के सेवन से व्यक्ति के शरीर में अश्व जैसा उत्साह उत्पन्न हो जाता है।
श्री. नादकरणी के अनुसार अश्वगंधा मूलतः एक टाॅनिक है जो शरीर के बिगड़े क्रियाकलापों को सुव्यवस्थित करने में समर्थ है।
उधर आचार्य चरक ने इसको सभी प्रकार के जीर्ण रोगियों के लिए  उपयुक्त माना है तो सुश्रुत के अनुसार यह किसी भी तरह की दुर्बलता-कृषता में गुणकारी है।
आयुर्वेद के कुछ अन्य विद्वान बताते हैं कि अश्वगंधा धातुओं की वृद्धि  विशेष रूप से करता है।
आइए कुछ ऐसी स्वास्थ्य समस्याओं के विषय में जानें जिनमें अश्वगंधा का सेवन उनके निदान हेतु हमारी अश्व जैसी गंध वाली अश्वगंधा हमारी कुछ कर मदद सकता है।
1) तनाव एवं नींद न आने की समस्या का निवारण
अश्वगंधा का सेवन आपके मानसिक तनाव को कम करने तथा आपको पर्याप्त या चैन की नींद देने में  मदद कर सकता है। इसमें उपस्थित एंटी-स्ट्रेस गुण मानसिक तनाव की वृद्धि को नियंत्रित करता है।
जिन लोगों को रात को बहुत कम नींद आती है तथा जो  नींद की प्रतीक्षा में करवटें बदलते रहते हैं उन्हें अश्वगंधा चैन या शांति से भरी गहरी नींद प्रदान कर सकती है।
एक अध्ययन के मुताबिक इसकी पत्तियों में ट्राइथिलिन ग्लाइकोल नाम का यौगिक उपस्थित पाया जाता है जो गहरी नींद लेने में मदद करता है। चिंता या अवसाद में इसका सेवन काफी फायदेमंद  होता है।
2) खून में लौह या आयरन की वृद्धि
अश्वगंधा एक प्रकार का हिमेटिनिक अर्थात् रक्त लौह बढ़ाने वाला भी होता है। इसकी जड़ों में प्रचुर मात्रा में लोहा उपस्थित पाया जाता है।
इसके अलावा इसकी जड़ में पर्याप्त मात्रा में वेलीन, टायरोसिन, प्रेलीन,एलेनिन व ग्लाइसिन आदि अमीनो अम्ल मुक्तावस्था में पाए जाते हैं।
लोहे के साथ मुक्त अमीनो अम्लों का पाया जाना इसे बेहतर ‘हिमेटिनिक’ टाॅनिक  बनाता है ।
3) मोतियाबिंद  एवं थायराइड में फायदेमंद
वैज्ञानिक अध्ययनों से स्पष्ट हो चुका है कि अश्वगंधा का एंटीऑक्सीडेंट तथा साइट्रोप्रोटेक्टिव गुण शरीर को मोतियाबिंद से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।
इसके अलावा यह थायराइड की ग्रंथि को उत्तेजित करने वाला होता है। इसकी जड़ का एक्सट्रैक्ट थायराइड हार्मोन की स्राव की वृद्धि में मदद करता है।
4) कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक
अश्वगंधा के उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेट्री गुण मानव शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं।
इसके सेवन से ह्रदय की मांसपेशियां मजबूत होती हैं जिस कारण ह्रदय से संबंधित रोगों से राहत मिलती है।
यह ट्राईग्लिसराईड की मात्रा को कम करके दिल की बीमारियों से छुटकारा  दिलाता है।
5) लिवर की सूजन का समाधान
अश्वगंधा का एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण लिवर यानी यकृत में होने वाली सूजन की समस्या का समाधान करता है। फैटी लिवर की समस्या को कम करता है।
लिवर की विषैले तत्वों से रक्षा या बचाव करता है।
6) कैंसर से बचाव
अश्वगंधा में  एंटी-ट्यूमर गुण पाए जाते हैं जो हमारे शरीर का कैंसर से बचाव करते हैं।
जानवरों व टेस्ट ट्यूब में की जाने वाली जांच से पता चला है कि इसे खाने से शरीर में एपोप्टोसिस बढ़ता है जो कैंसर कोशिकाओं को मारने का एक जरिया है और कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है।
यह शरीर में “रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज़ ” (reactive oxygen species) बनता है जिससे कैंसर कोशिकाएं खत्म होती हैं। ये कैंसर एपोप्टोसिस का सामना नहीं कर पाती तथा खत्म हो जाती हैं।
7) सेक्स पावर में सुधार या वृद्धि
अनेक लोगों में  सेक्स की इच्छा में कमी, वीर्य की कमी, शीघ्रपतन जैसी समस्याएं  पायी जाती हैं।
अश्वगंधाम में वे सब गुण पाए जाते हैं जो इन समस्याओं से छुटकारा दिलाते हैं। अश्वगंधा पुरुषों के बांझपन का उपचार करने के साथ-साथ महिलाओं के लिए भी फायदेमंद है।
आयुर्वेद के सिद्धांतों के अनुसार यह डिंब की गुणवत्ता में सुधार  करता है तथा  स्नायुबंधन, गर्भाशय व अंडाशय को मजबूत  बनाने में मदद करता है।
8) बालों अथवा केशों के लिए फायदेमंद
अश्वगंधा में कई ऐसे गुण भी पाए जाते हैं जो हमें  स्वस्थ बालों का वरदान प्रदान करते हैं। यह शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को कम करके बालों का गिरना  रोकती है।इसके अलावा मेलेनिन की हानि को रोककर समय से पहले बालों को सफेद नहीं होने देती।
इसमें उपस्थित टाइयरोसीन जो एक एमिनो एसिड होता है शरीर को मेलेनिन के उत्पादन को उत्तेजित करता है जिससे बालों को मजबूती मिलती है।
9) जीवाणुओं के संक्रमण में प्रभावी
अश्वगंधा जीवाणुओं के संक्रमण की रोकथाम में भी मदद कर सकता है।अध्ययनों के द्वारा स्पष्ट हुआ है कि अश्वगंधा में जीवाणुरोधी गुण भी मौजूद है जो मूत्रजनन, जठरांत्र, श्वसन तंत्र आदि से संबंधित संक्रमण में काफी प्रभावी है।
10) उम्र बढ़ने के संकेतों से राहत
अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट का उच्च स्तर मौजूद  पाया जाता है जो हमारी उम्र बढ़ने के  संकेतों अथवा लक्षणों जैसे कि  काले धब्बे, झुर्रियां आदि से बचाव का काम करता है। इसके अलावा यह त्वचा कैंसर से बचाने का काम भी करता है।

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1 Response

  1. Shalini sachan says:

    Very Useful information

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