स्त्री इश्वर की, एक ऐसी रचना…
स्त्री इश्वर की, एक ऐसी रचना… जिसे बना के खुद ख़ुदा ने भी समझ पाने की हिम्मत नहीं की शायद। एक ऐसी अनबुझी पहेली जो जितनी सरल और सहज प्राप्य है, जटिल ही नहीं, नामुमकिन...
स्त्री इश्वर की, एक ऐसी रचना… जिसे बना के खुद ख़ुदा ने भी समझ पाने की हिम्मत नहीं की शायद। एक ऐसी अनबुझी पहेली जो जितनी सरल और सहज प्राप्य है, जटिल ही नहीं, नामुमकिन...
हाल ही में मेरे शहर के एक बड़े राजनेता की मृत्यु हुयी। वह सियासी आदमी होने के साथ ही बहुत साहित्यानुरागी भी थे। हिन्दी भाषा के विकास और प्रसार को लेकर हमेशा उत्साहित रहते थे।...