Tagged: बोधप्रत कहानियाँ

kumkum bhagya

भाग्य कभी नहीं बदलता

बहुत समय पहले की बात है। एक साधु अपनी पत्नी के साथ नदी के तट पर रहता था। उन दोनों की कोई संतान नहीं थी। उनकी बड़ी इच्छा थी कि कम से कम एक संतान...

क्या बिल्ली ने महल में ख़ुशी पाई?

क्या बिल्ली ने महल में ख़ुशी पाई?

एक निर्धन वृद्ध महिला एक छोटी-दुबली बिल्ली के साथ एक झोपड़ी में रहती थी। बिल्ली बचे-खुचे टुकड़ों और कभी-कभार मिलने वाले पतले-से दलिया से ही अपना पेट भरती थी। एक दिन सुबह, दुबली बिल्ली ने...

अहंकार और लालच बुरी बला है

अहंकार और लालच बुरी बला है

हंस और मूर्ख कछुआ एक बार की बात है। एक कछुआ और दो हंस आपस में बहुत अच्छे मित्र थे। एक साल बारिश बिलकुल नहीं हुई और जिस तालाब में वे रहते थे, वह सूख...

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