देश का सबसे अमीर और सबसे रहस्यमयी पद्मनाभ स्वामी मंदिर
देश का सबसे अमीर और सबसे रहस्यमयी पद्मनाभ स्वामी मंदिर, जिसका खजाना है पाकिस्तान जैसे देश की कुल जीडीपी का दुगुना😅
पद्मनाभ मंदिर की जानकारी
पद्मनाभ स्वामी मंदिर, वर्तमान में केरल की राजधानी तिरूवनंतपुरम में अवस्थित दुनिया की सबसे धनी मंदिर है, जिसके सिर्फ एक लॉकर के सोने, आभूषणों की कीमत वर्तमान में 777 बिलियन डॉलर से भी अधिक है। यानी कि, पाकिस्तान जैसे देश की पूरी इकोनॉमी के दुगुनी। हालांकि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए इसे अब तक खोला नहीं गया है।
मंदिर में पद्मनाभ पर आधारित विष्णु की एक विशाल मूर्ति है। जिसका अर्थ है, “जिसकी नाभि से कमल प्रकट होता है ।”
पद्मनाभ स्वामी मंदिर का इतिहास :-
पद्मनाभ स्वामी मंदिर, विष्णु के 108 सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। जिसका उल्लेख 6 ठी शताब्दी के इतिहास में मिलता है।
इस मंदिर को बनाए रखने की जिम्मेदारी त्रावणकोर के एक राज परिवार की है। 1729 में मंदिर ट्रस्ट की स्थापना के बाद, मंदिर के सभी जिम्मेदारियों को इस परिवारों के वंशजों ने संभाल लिया है।
2011 में सुंदर राजन नामक एक व्यक्ती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर यह आरोप लगाया था कि, त्रावनकोर राज परिवार इस मंदिर का रख रखाव ठीक से नहीं कर रहा हैं।
शीर्ष अदालत ने सात सदस्यीय टीम को मंदिर का निरीक्षण करने और विवरण रिकॉर्ड करने का निर्देश दिया। और इस सर्वेक्षण के बाद जो भी तथ्य सामने आए उससे, इस मंदिर का नाम दुनिया के कोने कोने तक पहुंच गया।
पद्मनाभस्वामी मंदिर में मिला अमूल्य खजाना
इस सर्वेक्षण में उन्हें 6 लॉकर या खदाने मिली, जिनके दरवाजे लोहे के बने हुए थे और खुले हुए बिना ताले के पाए गए थे। लॉकर A से F तक नामांकित थे।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत जब इन लॉकरों को खोला गया तो रहस्य सामने आया। इस लॉकर में सोने चांदी हीरे, पाचू , माणिक ऎसे कई रत्नों का खजाना था।
रिकॉर्डिंग के समय खजाने का मूल्य 1.2 लाख करोड़ रुपए या 22 बिलियन यू.एस. डॉलर था।
इस खजाने के ऐतिहासिक मूल्य और दुनिया में रत्नों की कमी को देखते हुए, यह कीमत तेजी से बढ़ने वाली है।
पद्मनाभस्वामी मंदिर का सातवां द्वार
इस मंदिर में सात तहखाने हैं जिन्हें सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में खोला गया। बेशकीमती हीरे, जवाहरात आभूषण मिलने के बाद जैसे ही टीम ने वाल्ट B यानी सातवां दरवाजा को खोलने की कोशिश की, तो दरवाजे पर बने कोबरा सांप के चित्र को देख कर काम रोक दिया गया। कई लोगो का मानना था कि इसे खोलना अशुभ होगा।
पद्मनाभस्वामी मंदिर के तहखाने का रहस्य
पद्मनाभस्वामी मंदिर के तहखानों में लॉकर का नाम अंग्रेजी A से अंग्रेजी F तक था।
लेकिन B नाम का लॉकर आज भी नहीं खोला गया है। लॉकर के बारे में इतना महत्वपूर्ण क्या है यह कहना मुश्किल है!
इस रहस्यमय लॉकर में आज भी कई चीजें हम सब से छिपी हुई है।
इस लॉकर को तीन द्वारों से संरक्षित किया गया है।
पहला गेट धातु की जाली से बना हुआ है, और इसे खोलने पर एक और दरवाजा होता है वह लकड़ी का होता है।
तीसरा दरवाजा, एक बार अंदर पूरी तरह धातु से बना हुआ है। और इसे खोलने के लिए कोई संरचना नहीं है।
पद्मनाभ मंदिर का सातवां द्वार है एक रहस्य, माना जाता हैं कि 16वीं सदी का ‘सिद्ध पुरूष’ ही इसे खोल सकता है
ऐसा कहा जाता है कि इस द्वार को केवल एक ही तरीके से खोला जा सकता है, यानी कि गरुड मंत्र के जाप से !
कहा जाता है इसे नागपाश से बांधा गया है। इसलिए जिस किसीने इस द्वार को गरुड मंत्र का जाप कर खोलने कि कोशिश की, उसकी मृत्यु हो गई !
वर्तमान में सिद्ध साधु या कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसे गरुड़ मंत्र का ज्ञान हो।
इसीलिए जनभावनाओं का सम्मान करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने आज भी लॉकर B को नहीं खोलने के फैसले को बरकरार रखा है।
इस लॉकर B के पिछले दरवाजे पर दो विशाल कोबरा के चित्र के बारे में लोगों का कहना है कि, अंदर सांपो का साम्राज्य होगा। दरवाजा खोलते ही ये सब बाहर आ जाएंगे।
लेकिन इस लॉकर के निर्माण को देखते हुए, यह सवाल है कि इन सांपो को इतने सालों से हवा पानी और भोजन कहां से मिल रहा है !
साथ ही कई लोग ये सोचते हैं कि इसके अंदर एक तहखाना है और आप इसके माध्यम से आ और जा सकते हैं। यह तहखाना शहर से बहुत दूर खुलेगा।
लेकिन आज की आबादी और मानव स्वभाव को देखते हुए ये असंभव सा लगता है।
कई लोगो का मानना है यह लॉकर B भी एक चाल होगी। यह लोगों को भयभीत करके पद्मनाभस्वामी मंदिर जे खजाने की रक्षा करने का एक तरीका हो सकता है।
प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार, जब 1880 में त्रावनकोर के राजा के वंशजों ने जब अपने खजाने को मापा तो लॉकर B में खजाने का मूल्य 12000 करोड़ रुपए का था।
जैसा कि लॉकर B अन्य सभी लॉकर की तुलना में आकार में बड़ा है। 1880 में सोने की बढ़ती कीमत वहां के रत्नों और रत्नों के मूल्य को देखते हुए, लॉकर B का खजाना 50 ट्रिलियन भारतीय रुपए (770 बिलियन अमेरिकी डॉलर) है। जो की पाकिस्तान जैसे दो देश की जीडीपी के बराबर हैं !
कहा जाता है कि लॉकर B के आंतरिक दरवाजे में एक सुनहरी दीवार और एक सांप था।
लॉकर B को खोले बिना भी यह खजाना दुनिया का सबसे बड़ा खजाना है।
यहाँ अकेले भगवान विष्णु की सोने की मूर्ति 20 मिलियन डॉलर से अधिक की है।
एक 18 फुट लंबे हीरे की हार की कीमत लाखों डॉलर है। 2011 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश में मिले खजाने ने इसे दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक बना दिया है।
लेकिन आज भी उनके लॉकर ‘बी’ का रहस्य दुनिया के सामने नहीं आया है।
पद्मनाभ मंदिर तक कैसे पहुंचे?
हिन्दू आस्था के इस प्राचीन पद्मनाभ स्वामी मंदिर तक पहुंचने के लिए ट्रेन, बस के साथ हवाई मार्ग से जाया जा सकता है ।
केरल के तिरुवनन्तपुरम में सभी हवाई अड्डों से उड़ान है। यदि आप ट्रेन से यात्रा करने जा रहे हैं, तो तिरुवनंतपुरम रेल मार्ग द्वारा भी, सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
विकिपीडिया और अन्य स्रोतों के माध्यम से तथ्यों की जाँच की गयीं है। जैसा कि यह एक प्राचीन स्थान है, इसमें मतभेद हो सकते हैं।
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