खांसी से छुटकारा पाने के ६ घरेलू उपाय…
खांसी की तकलीफ को संभालना मतलब कठिन समस्या। हम सब हमेशा ही महसूस करते है कि, एक बार खांसी शुरू हो जाती है, तो यह कई दिनों तक रहती हैं।
किसी को सर्दी की खांसी, किसी को सुखी खांसी, तो किसी को एलर्जी की खांसी।
रातभर खांस-खांस कर जी अध् मरा हो जाता है। नींद भी पूरी नहीं होती हैं।
आखिर में डॉक्टर के पास जाकर एंटीबायोटिक औषधीयां ली… और खूब सरे पैसे दिए की खांसी धीरे -धीरे गायब होने लगती हैं।…
अब, इस कोरोना काल में तो खाँसना और छींकना जैसे अपराध ही हो गया है।..
घर के लोग हमें भी संदेह के नज़रोसे देखने लगते है।
कोरोना रोग के लक्षणों में खांसी भी है। इसलिए अभी साधारणसी खांसी भी मन में डर निर्माण करती है।
इसलिए इसपर ठोस उपाय करना बेहद जरुरी है।
हमारे घरो में हमारे बड़े बुज़ुर्ग आयुर्वेद द्वारा अनेक औषधीयां बताते रहते है।
इस में से ही, हम आपको कुछ इंस्टेंट उपाय रिमाइंडर के रूप में बताने वाले है।
ऐसे उपाय जो खांसी को तुरंत ठीक कर देंगे….. पहला तो आपके पसंद का ही है।… तो चलो, आइये देखते है।…..
१. मसाला चाय :
चाय को भारत का राष्ट्रीय पेय बोला जा सकता है ये इतना प्रचलित है।
हम कई प्रकार के चाय पीते रहते है।….. जैसे अदरक की चाय, इलायची की चाय, दूध की चाय, सूखी चाय और कई अन्य।
इसमें ही, कुछ प्रकार का मसाला मिलाकर हम ख़ासी दूर को भगा सकते हैं।
हम हमारे घर के लोगों के लिए चाय बनाते ही हैं, तो उसमे थोडीसी दालचीनी और २ इलायची और लेमन ग्रास डालकर उबाल लें…
ये मसाले उष्ण प्रकृति के होते है इसलिए ये कफ़ को एकदम पतला कर देते है। …
सर्दी के कारण बहने वाली नाक भी रुक जाती है।…… इससे ये चाय, चाय की तलप भी पूरी होती है और औषधि होने के कारण इसका हमारे शरीर को दोहरा फायदा मिलता है।
२. अनार का रस:
बड़ों के लिए चाय तो छोटो के लिए ये उपाय है….. अनार का रस मतलब जूस।
अनार में विटामिन ‘C’ और ‘ A’ दोनों का ही समावेश होता है।
इसलिए ये सर्दी खांसी को रोकते हुए शरीर की बाकि ज़रूरतों को भी अनार का रस पूरा करते है।
इस रस में थोड़ा सा अदरक मिलाना बेहतर होता है। अगर यह अदरक नहीं है, तो सुंठ पाउडर का भी उपयोग किया जा सकता है।
हमें तो पता ही है की अदरक ये कफ़ नाशक है। और गर्म होने के कारण ये कफ़ को तोड़ने के काम आता है।
इसलिए अनार के जूस में इसका उपयोग करना गुणवर्धक सिद्ध होता है।
अनार के छिलके का अर्क भी खांसी के लिए अच्छा होता है।
इसका काढ़ा बनाने के लिए इसे सुखाया जाता है और फिर पानी में उबला जाता है
(आयुर्वेदिक सामग्री जैसे की मिर, अदरक, लौंग को इसमें मिलाया जा सकता है। जैसा कि यह घटक गर्म है, इसकी मात्रा कम रखी जानी चाहिए।)
और इसे एक चम्मच दवा के रूप में लिया जाना चाहिए ।
३. काली मिर्च Black Paper :
काली मिर्च पाउडर हमारे घर में होता ही है.. हम कई खाद्य पदार्थों में काली मिर्च का इस्तेमाल करते हैं।
काली मिर्च ये प्रकृति से गर्म होने के कारण कफ को पतला करने में मदद करती है। लेकिन इसे औषधि के रूप में कैसे लिया जाये ??
थोडासा Black Paper पाउडर को हल्का सा तवे पर भूनकर रात में सोते समय इसका चूर्ण लेना ख़ासी में फायदेमंद साबित हो सकता हैं।
या गुड़ और काली मिर्च की छोटी -छोटी गोलियां बनाकर रात को सोते समय निगल लें.. लेकिन इस पर पानी न पिएं और न ही कुछ खाएं..
सुबह देखे की कैसे पूरी खासी भाग जाती है…. !! और खासी समाप्त।
४. हल्दी का गर्म दूध
बेशक, इसे कैसे भुला जा सकता है।
गले में खराश, सर्दी या शरीर में दर्द होने पर इन सब पर हल्का गरम दूध और उसमे थोड़ी हल्दी का कॉम्बिनेशन लेना बताया गया है।
अगर खांसी बहुत ज्यादा है और कफ पक गया है तो इसके लिए दूध और हल्दी के मिश्रण में थोडासा अदरक या लहसुन को उबाल कर, पीसकर भी डाला जा सकता है।
हल्दी के पानी (गुनगुने) से गरारे करने से भी गले की खराश से राहत मिलती है।
इस हल्दी में कर्क्यूमिन नामक एक घटक होता है जिसे औषधीय माना जाता है।
हल्दी ऑन्टी बेक्टेरियल और ऑन्टी वायरल भी है। अलग -अलग प्रकार के इन्फेक्शन के लिए हल्दी को कारगर औषधि माना जाता है।
अदरक, दूध, लहसुन और हल्दी ये सभी कफ़ को शरीर से बहार निकलने में मदद करते है।
५. दालचीनी और शहद चाटना:
हमारे किचन में मौजुद विभिन्न घटक सही तरीकेसे आजमाकर खासी पे घरेलू उपचार कर सकते हैं।
उसमेंसे ही एक है शहद और दालचीनी मिलाकर उसका मिश्रण लेना खासी में एक गुणकारी औषधी साबित हो सकता हैं।
सदा सा शहद भी खांसी में गुणकारी सिद्ध होता है। गरम मसाले का दाल चीनी भी खांसी पर गुणकारी सिद्ध होता है।
इसलिए शहद में दाल चीनी मिलाकर चाटना भी खांसी पर बहुत लाभदायक सिद्ध होता है।
आप इन दोनों के मिश्रण में मुलेठी पाउडर भी मिला सकते हैं।
मुलेठी की साल को चबाने से भी खांसी को कम करने में मदद मिलती है।
शहद के साथ दालचीनी पाउडर और उसमे मुलेठी ये दोनों भी मिला कर ले सकते है।
विशेषज्ञों का कहना है कि शहद में डेक्सट्रोथोर्फन (dextromethorphan) नामक एक पदार्थ होता है जो खांसी के लिए अच्छा है। इस पदार्थ से खांसी रूकती है।
६. गिलोय का रस:
गिलोय को गुडूची (Guduchi), अमृता आदि नामों से भी जाना जाता है।
यदि आपके पास गिलोय के पत्ते उपलब्ध हैं, तो खांसी को छू मंतर कहना बहुत आसान है।
गिलोय एक बेल का पौधा है। इसके पत्ते का रस एलर्जी वाली खांसी के लिए बहुत उपयोगी है।
कफ, वात और पित्त ऐसे तिनो हि शारीरिक बीमारियों के लिए गिलोय के पत्ते लाभदायक है।
ये तीनो ही दोष अगर कंट्रोल में रहे तो हम व्याधिमुक्त आयुष्य जी सकते है।
इसलिए कफ, वात और पित्त का संतुलन बनाए रखने के लिए गिलोय बहुत उपयोगी है।
बेशक, इस बेल का सेवन सभी के लिए दुर्लभ है….
लेकिन इसका पाउडर या गोलियां बाजार में, आयुर्वेदिक दुकानों में भी उपलब्ध हैं। आप इस चूर्ण को शहद के साथ भी ले सकते हैं।
ये, और भी बहुत सारे खांसी के उपचार हैं.. समय-समय पर हम आपको इसके बारे में उपयोगी जानकारी देते रहेंगे….
वर्तमान समय में, खांसी और जुकाम का न होने देना हमारा महत्वपूर्ण कार्य है।
इन दवाओं के साथ एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि खांसी आमतौर पर रात में ज्यादा हो जाती है।
इसका कारण यह है कि रात में क्षैतिज रूप से सोने के बाद, नाक का कफ गले में उतर जाता है .. और आपको खांसी आ सकती है।
इसके लिए, हम अपनी गर्दन के निचे एक तकिया के साथ एक उच्च स्थान पर सो सकते हैं। छोटे बच्चों के डॉक्टर्स भी ऐसे सुझाव देते है आपने सुना ही होगा।
कई विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सिर को ऊंचा रखा जाता है, तो खांसी कम हो जाती है।
आपको ये उपाय कैसा लगा ये हमें जरूर बताये.. और हमारे साथ अपने आयुर्वेदिक, घरेलू समाधान को साझा करना न भूले….
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