वारेन बफेट की अमीर बनने की प्रेरणादायी कहानी

वारेन बफेट की अमीर बनने की प्रेरणादायी कहानी

आज के समय पर शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट में सबसे बड़ा नाम वारेन बफेट का हैं।

वारेन बफेट पिछले कहीं सालों से दुनिया के सबसे अमीर लोगों के लिस्ट में आते रहते हैं।

उनका सबसे बड़ा कमाई का जरीया शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट ही है।

वो कहते है कि अगर कोई मुझे मेरे घर के दिवार का कलर कोनसा है? इसके बारे में पुछाता है, तो मैं नहीं बता सकता हूँ।

लेकिन शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट के बारे में कुछ भी पूछोगे तो उसका जवाब मेरे पास है।

वारेन बफेट ने अपनी आधी संपत्ति अपनी उम्र के ५० साल के बाद कमाई हैं।

तो चलिए जानते हैं, इस लेख में, ‘वारेन बफेट की अमीर बनने की प्रेरणादायी कहानी’

बचपन से ही अमीर बनने की इरादा।

वारेन बफेट बचपन में अपनी बहन से कहते थे कि मैं एक दिन दुनिया का सबसे अमीर इंसान बनुंगा।

और २००७ – २००८ के लिए वारेन बफेट दुनिया के सबसे अमीर इंसान बने थे।

जिस उम्र में बच्चे खेल कूद में लगे रहते है, उस उम्र में वारेन बफेट किताबें पढ़ते थे, छोटे छोटे बिजनेस करते थे।

वारेन बफेट ने ८ साल की उम्र में One Thousand Way To Make 1000 Doller यह किताब पढ़ी थी।

उसमें एक पिनबाॅल मशीन का बिजनेस था।

उन्हें वो अच्छा लगा और उन्होंने एक बार्बर शाॅप में उस मशीन को लगाया।

उस मशीन से अच्छा पैसा कमाने लगे तो उन्होंने और पिनबाॅल मशीन्स खरिदली।

कुछ दिन बाद उस बिजनेस को १२०० डाॅलर में बेच दिया।

वारेन बफेट ने बचपन में और भी काम किये थे।

जैसे न्यूजपेपर, च्युइंगम, और कोकाकोला बेचना।

उनके पिताजी उन्हें फायरबाॅल कहते थे।

११ साल की उम्र में उन्होंने शेयर मार्केट में इन्वेस्ट किया था।

और १४ साल की उम्र में ४० एकढ़ जमीन खरिदी थी। काॅलेज की पढ़ाई पुरी होते समय उनके पास ९८०० डाॅलर थे।

बेंजामिन ग्राहम से सिखें इन्वेस्टमेंट करना।

वारेन बफेट के बिजनेस में सबसे बडा योगदान बेंजामिन ग्राहम का हैं।

वारेन बफेट पोस्ट ग्रेजुएशन पढ़ाई करने के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेना चाहते थे। लेकिन वहां पर उन्हें रिजेक्ट कर दिया।

उन्हें पता चला, कि बेंजामिन ग्राहम कोलंबिया युनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं।

वारेन बफेट ने पहले ही बेंजामिन ग्राहम की बुक्स पढ़ी थी।

तो वारेन बफेट उनके पास चले गए। पढ़ाई पुरी होने के बाद वारेन बफेट ने उन्हीं के पास ही कुछ दिन नौकरी की।

वारेन बफेट ने बेंजामिन की नौकरी छोड़ने के बाद अपनी खुद की इन्वेस्टमेंट फर्म शुरु की।

वारेन बफेट ने शुरुआत के दिनों में Berkshire Hathaway कंपनी के शेयर खरिदे और आगे जाकर उसी कंपनी के चेअरमैन बने।

लेकिन वो कंपनी नुकसान में जाने लगी तो उसे शेयर होल्डिंग कंपनी बना दी।

और वारेन बफेट की उस कंपनी ने वाशिंगटन पोस्ट, कोका कोला, और इन्शुरन्स बिजनेस में इन्वेस्ट किया।

आज यह कंपनी ६० से ज्यादा कंपनियों को चलाती है।

वारेन बफेट कहते हैं, मैं ८५% बेंजामिन ग्राहम और १५% फिलीप फिशर हूँ।

फिलीप कहते हैं अच्छे बिजनेस में इन्वेस्ट करना और बेंजामिन कहते हैं जब शेअर की किमत असली किमत से कम रहे तब इन्वेस्ट करो. मैंने इन दोनों को मिला दिया।

अच्छे बिजनेस के शेयर की कीमत अपनी असली किमत से कम होती है, तब उसमें इन्वेस्ट करो। वारेन बफेट

वारेन बफेट का सक्सेस फाॅर्मूला और तथ्य

वारेन बफेट अपनी पर्सनल लाईफ में बहोत आम रहते हैं।

आज भी वो अपने पुराने घर में रहते हैं। वारेन बफेट जब चाहे दुनिया की कोई भी कार खरीद सकते हैं।

लेकिन वो कहते हैं, कार शोरूम से बाहर आते ही उसकी कीमत आधी हो जाती हैं।

और पैसों का नुकसान होने वाले चीजें क्यों खरिदें। वो पुरानी कार का इस्तेमाल करते हैं।

उनके पास प्रायव्हेट जेट हैं, लेकिन जब दूर जाना हो या बिजनेस मिटिंग के लिए जाना हो तभी उसका इस्तेमाल करते हैं।

और एक सबसे अश्चर्य कारक बात है, जो आम तौर पर कोई करना नही चाहेगा, कि जिस दिन शेयर मार्केट में उनके शेयर की कीमत कम हो जाती है उस दिन वारेन बफेट नाश्ता करने पर होने वाले खर्च को कम करते हैं।

इन्वेस्ट उसी कंपनी में करना जिस कंपनी को हम अच्छे से जानते हैं।

जैसे मैं कोका कोला, वाशिंगटन पोस्ट को बचपन से जानता था।

उनकी क्वालिटी, उनका बिजनेस, उनके उपर लोगों का विश्वास इन चिजों के बारें में अच्छी तरह से पता था।

लंबे समय के लिए इन्वेस्टमेंट करना फायदेमंद रहता है।

इसका उदाहरण बताते हुए कहते हैं कि मैंने सिटीज् सर्विस के शेयर ३८ डाॅलर में खरिदे थे।

शेयर खरिदने बाद शेयर की कीमत ३८ डाॅलर से नीचे गई।

और बाद में शेयर की कीमत बढ़कर ४० डाॅलर हुई।

तो मैंने तुरंत शेयर बेच दिये। शेयर बेचने के बाद शेयर की कीमत २०० डाॅलर हुई।

उन्होंने ने वाॅशिंगटन पोस्ट के शेयर पहली बार १९७३ में खरिदे थे।

उस शेयर का उन्हें ९०००% इतना रिटर्न मिला।

कोकाकोला के शेयर १९८८ में खरिदे और आज भी वो कोकाकोला में ७% शेयर के मालिक हैं।

वारेन बफेट आज ९० की उम्र में भी काम कर रहे हैं।

और उनकी कुल संपत्ति ७८.९ बिलियन डाॅलर (अगस्त २०२०) हैं।

उन्होंने अब तक ४६ बिलियन डाॅलर दान किये हैं। और वो दिन के ५ – ६ घंटे पढ़ने में बिताते हैं।

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1 Response

  1. Bahut achi lagi real story

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