“आएगा आने वाला” की मधुर स्मृति.. लता दीदी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि
“आएगा आने वाला” की मधुर स्मृति.. लता दीदी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि
फिल्म महल का गाना “आयेगा आने वाला” रिकॉर्ड करने के समय की कहानी। गाने की रिहर्सल पांच दिनों तक चली।
संगीतकार खेमचंद प्रकाशजी गायन की शैली में कई बदलाव कर रहे थे, जिसकी वजह से लता दीदी को कितनी बार रिहर्सल करना पड़ा था।
लता दीदी उम्र में छोटी थी, भूख को बर्दाश्त कर रही थी और सब कुछ सह रही थी। गाने में इको इफेक्ट पाने के लिए लता दीदी बिना कदमों की आवाज किए दूर से धीरे धीरे चली आती थी। उन्हें कई बार ऐसा करना पड़ा था।
पांच दिन की कड़ी मेहनत के बाद गण रिकॉर्ड हो सका।
इस गाने की याद में लता दीदी हमेशा कहती थी की, इस गाने की धुन उनकी रोम रोम में है। मैं हर अक्षर और शब्द में इतनी लीन थी कि मैंने इसे बिना किसी परेशानी के आसानी से गा लिया।
संगीतकारों सहित सभी की मेहनत, बेहतरीन मूव्स, लता दीदी की मधुर आवाज, सही शब्द और सुंदर अभिनय के साथ की गई शूटिंग के कारण यह गीत मील का पत्थर बन गया था। यही कारण है कि इतने वर्षों के बाद भी यह अभी भी ताजा और वांछनीय है।
आएगा आनेवाला
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