क्रोध के नुकसान और उसपर काबू पाने के उपाय जाने इस लेख में
बच्चों की भावी उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने के लिए उनमें श्रेष्ठ गुणों के रोपन तथा उनकी प्रतिभा को विकसित करने पर विशेष ध्यान देना अनिवार्य है।
हम अपने बच्चों को गुणी और प्रतिभावान बनाने के लिएइस दुनिया में ऐसा तो कोई व्यक्ति नहीं मिलेगा जो यह कह सके कि उसे कभी क्रोध या गुस्सा आता ही नहीं है या फिर कभी आया नहीं, क्योंकि कभी-कभार सभी को गुस्सा आ जाता है।
लेकिन यदि गुस्सा हल्का-फुल्का या कुछ पल का होता है तो इसका हमारे शरीर पर कोई खास दुष्प्रभाव नहीं पड़ता।
मगर जब गुस्सा गंभीर होता है और हमारे स्वभाव का हिस्सा बन जाता है तो इसके दुष्प्रभाव या नुकसान इतने गंभीर होते हैं कि हमारा जीवन ही खतरे में पड़ सकता है।
यहां तक कि यह किसी मनुष्य की मौत का कारण भी बन सकता है।
गुस्से या क्रोध के कारण होने वाले कुछ गंभीर नुकसान इस प्रकार हैं
1) मनोवृत्ति में विकार
हमारे जीवन का संचालन वास्तव में हमारा गुप्त मन ही करता है। हमारे समस्त भावात्मक गुण अथवा अवगुण इसी की प्रेरणा से विकसित होते हैं और फिर हमारे स्वभाव में परिलक्षित होते हैं।
अगर हमारा गुप्त मन शांत, सहज और स्वाभाविक स्थिति में रहता है तो कोई समस्या नहीं पनपती सभी मानसिक वृत्तियों का सही दिशा में विकास होता है। लेकिन यदि यह अशांत रहता है या इसकी प्रकृति या सहज अवस्था में बाधा उत्पन्न होती है तो कई तरह की मानसिक विकृतियां पनपती हैं।
फलतः हमारी मनोवृत्ति में विकार उत्पन्न होता है।
इसीलिए आपको बताना बहुत जरूरी बनता है कि क्रोध या गुस्सा वह विष है जो हमारे गुप्त मन की शांति या उसकी सहज अवस्था के लिए खतरा बन सकता है। अतः आप खुद को क्रोध से बचाकर कई तरह की गंभीर मानसिक यंत्रणाओं से बच सकते हैं।
2) भोजन के पोषण से वंचित
अगर आप क्रोध के आदी हैं तो आप जो चाहो या जितना चाहो खा लो,मगर आपके खाने का कोई भी फायदा आपको मिलने वाला नहीं है,क्योंकि जिस भोजन में क्रोध या गुस्से का विष मिल जाता है वह कभी भी ढंग से नहीं पचता और न ही शरीर में लगता है।
क्रोध का हमारी पाचन शक्ति पर गलत प्रभाव पड़ता है और वह कमजोर हो जाती है। क्रोध में मनुष्य शांत भाव से खाना खाने के बजाय उसे जल्दी-जल्दी में ठूंस लेता है। जबकि हमारे शरीर को अमृत के समान पोषण देने वाला भोजन वही साबित होता है जिसे हम शांत व प्रसन्न मन से ग्रहण करते हैं।
इसीलिए क्रोध करने या क्रोध में भोजन ग्रहण करने से सदा ही बचें।
3) कर्म और श्रम की कमजोरी
क्रोध के कारण व्यक्ति की अधिकांश ऊर्जा को व्यर्थ में ही खर्च कर देता है तथा साथ ही उसके मन की शांति और एकाग्रता भी नष्ट होती है। मांसपेशियों में थकान व कमजोरी आती है और काम में मन नहीं लगता है।
परिणामस्वरूप उसका काम में मन नहीं लगता और उसमें कर्म तथा श्रम की कमजोरी भी पैदा होती है। अतः इसी वजह से वह जीवन में उन्नति कम करता है और परेशानियां ज्यादा उठाता है।
4) ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
क्रोध या गुस्सा व्यक्ति में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बन सकता है, क्योंकि क्रोध के कारण व्यक्ति के मस्तिष्क में ऐसे रासायनिक तत्वों की उत्पत्ति होती है जिनका बुरा असर पड़ता है।
व्यक्ति तनाव या अवसाद का शिकार तो बनता ही है साथ ही उसे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी झेलना पड़ सकता है।
5) दिल की बीमारियों का खतरा
क्रोध के कारण व्यक्ति को दिल की बीमारियों का खतरा भी उठाना पड़ सकता है,क्योंकि इस स्थिति में एड्रेनील एवं कोर्टिसोल का तनाव ह्रदय यानी दिल तथा श्वास की गति को बढ़ाता है और इसकी वजह से बार-बार एनर्जी के लेवल में वृद्धि होती है और इसी कारण रक्त वाहिकाओं में कसाव उत्पन्न होता है।
इसी के परिणामस्वरूप रक्तचाप का स्तर भी बढ़ता है और धमनियों की भित्तियों पर भी बुरा असर पड़ता है। अंततः ये सभी दिल की बीमारियों का खतरा पैदा करते हैं।
6) त्वचा से संबंधित समस्याएं
क्रोध त्वचा से संबंधित कई समस्याओं का कारण भी बन सकता है। इसके द्वारा जनित तनाव व अवसाद से शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ता है और जिसका त्वचा पर बुरा असर देखने को मिलता है।
इसके कारण चेहरे की कोशिकाओं पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है,क्योंकि रक्त प्रवाह में गड़बड़ी पैदा होती है। अतः रक्त वाहिकाओं की कमजोरी के कारण मुहांसों, सोरायसिस, एक्जिमा आदि की समस्याएं और अधिक गंभीर रूप ले सकती हैं।
7) आपसी रिश्तों में तनाव
क्रोध के कारण व्यक्ति के आपसी रिश्तों पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। क्रोध या गुस्सा जरा-सी बात पर और क्षण भर में ही अच्छे-खासे प्रेम से भरे रिश्तों में तनाव उत्पन्न कर सकता है और उन्हें बिगाड़ सकता है।
जो लोग अपने शुभचिंतक होते हैं वे भी हमारे क्रोध के कारण हमसे दूर हो सकते हैं।
क्रोध या गुस्से से मुक्ति पाने के कुछ आसान से उपाय भी यहां बताएं जा रहे जिनको आप आजमा कर देख सकते हैं
1) क्रोध या गुस्सा शांत करने के लिए आप घर से बाहर टहलने निकल जाइए और इस दौरान अपने कदमों पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास कीजिए। ऐसा करने से मन को शांति या शीतलता का आभास होगा और गुस्सा जल्दी ही शांत हो जाएगा।
2) इसके लिए आप 10 से शुरू कर 1 तक उलटी गिनती गिनने की तरकीब भी अपना सकते हैं। बस उलटी गिनती गिनते समय अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित रखिए।
3) आप पानी पीकर भी अपने गुस्से को शांत कर सकते हैं। इस स्थिति में एक गिलास पानी लें तथा उसे रुक-रुककर घूंट-घूंट में पिएं। हर घूंट पानी पीने के उपरांत अपनी सांसों को शिथिल छोड़ गुस्से को शांत करने का प्रयास करते रहें।
4) अपना गुस्सा शांत करने के लिए आप ध्यान की क्रिया भी अपना सकते हैं और अगर घर पर हैं तो शव आसन का फार्मूला भी अपना सकते हैं। ऐसा करने से भी आपको गुस्से से निजात मिल सकती है।
लेख में दिए गए कुछ बहुत ही आसान से तरीके अपना सकते हैं।
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